JEE Success Story: हम बात कर रहे हैं नील आर्यन गुप्ता ने जेईई एडवांस्ड परीक्षा में टॉप किया. परीक्षा से पहले ही उनकी तबीयत काफी खराब हो गई थी, लेकिन उन्होंने इसे अपने लक्ष्य पाने के रास्ते का रोड़ा नहीं बनने दिया.
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Neel Aryan Gupta JEE Success Story: जिंदगी में विपरित हालातों से लड़कर कामयाबी हासिल करने के लिए आपके मन का मजबूत होना बहुत जरूरी है. सफलता का पहला मंत्र यही है कि मन को मजबूत करके अपनी मंजिल की तरफ कदम बढ़ना चाहिए. आज हम आपके लिए एक ऐसे शख्स की कहानी लेकर आए हैं, जिन्हें अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए फिजिकली और मेंटली कई चुनौतियों से होकर गुजरना पड़ा. बेहद मुश्किल हालतों में उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और जेईई टॉपर्स लिस्ट 2018 में अपना नाम बनाया.
पढ़ाई में बचपन से होशियार रहे हैं नील
हरियाणा के पंचकुला के रहने वाले नील आर्यन गुप्ता के लिए जेईई परीक्षा की तैयारी करना बिल्कुल भी आसान नहीं था. वह फिस्टुला जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे. उनके पापा का नाम शंकर गुप्ता है, जो एक प्रॉपर्टी डीलर हैं. जबकि, नीन की मम्मी रेनु गुप्ता ओरिएंटल इश्योरेंस बैंक में सीनियर ब्रांच मैनेजर हैं. अच्छे और पढ़े-लिखे परिवार से आने वाले नील बचपन से ही पढ़ने में अव्वल रहे हैं. नील ने पंचकुला के मानव मंगल स्कूल से 10वीं बोर्ड परीक्षा पास की थी, जिसमें उन्होंने 10 सीजीपीए हासिल किया था. इसके बाद गुरु गोबिंद सिंह सीनियर सेकेंडरी स्कूल-35 से 12वीं परीक्षा दी थी. इसमें उन्हें 93.2 प्रतिशत मार्क्स मिले थे.
12वीं बोर्ड परीक्षा के दौरान हो गए थे बीमार
बताया जाता है कि नील 12वीं की परीक्षा के दौरान गंभीर रूप से बीमार हो गए थे, जिसके कारण उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ा. वह मैथ्स का एग्जाम देने के लिए हॉस्पिटल से ही एग्जाम सेंटर पहुंचे थे. बैठने में इतनी परेशानी होने के बावजूद उन्होंने रिजल्ट पर अपने दर्द को हावी नहीं होने दिया, मैथ्स में नील ने 100 में से 100 नंबर हासिल किए थे.
जेईई मेंस परीक्षा के लिए टाल दी सर्जरी
बोर्ड एग्जाम के बाद उनकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ती जा रही थी, जिससे कारण वह पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे. ऐसे में डॉक्टर्स ने ऑपरेशन की सलाह दी थी. इधर उनके लिए जेईई मेंस परीक्षा का काउंटडाउन शुरू हो चुका था. नील को पता था कि अगर अभी सर्जरी हुई तो परीक्षा नहीं दे पाएंगे और एग्जाम ड्रॉप करना पड़ जाएगा. ऐसे में पेरेंट्स ने चंडीगढ़ के डॉक्टर्स से ओपिनियन लिया, जिन्होंने बताया कि एग्जाम तक ऑपरेशन टाला जा सकता है. हालांकि, उनकी परेशानियां और बढ़ती चली गईं . वह मेडिसिन के सहारे अपना दर्द कम कर रहे थे.
बताया जाता है कि जेईई मेन परीक्षा के दिन उनकी तबियत बिगड़ गई. एग्जाम के बाद नील की सर्जरी हुई, जिसके बाद दिन में 2 बार ड्रेसिंग, दवाइयां और दवाईयों से आने वाली नींद ने उन्हें निराश कर दिया. उन्होंने जेईई एडवांस्ड में पास होने की उम्मीद ही छोड़ दी थी. नील ने जेईई मेन्स में 182वीं रैंक हासिल की थी.
जेईई एडवांस्ड परीक्षा में 10वीं रैंक
सर्जरी के बाद उन्हें बैठने में दिक्कत होती थी तो वह लेटकर ही पढ़ाई करते थे. आर्यन के टीचर्स उन्हें ईमेल पर प्रैक्टिस के लिए टेस्ट पेपर्स भेजते थे. टेस्ट पेपर सॉल्व करते हुए वह अपना दर्द भूल जाते थे. यूट्यूब पर वीडियो देखकर खुद को मोटिवेट करते थे. इतनी तकलीफों के बावजूद उन्होंने जेईई एडवांस्ड में टॉप 10 रैंक हासिल ही, जबकि उन्हें टॉप 30 में नाम आने की उम्मीद थी. टॉपर्स लिस्ट में जगह बनाने कि उन्हें भी उम्मीद नहीं था, लेकिन उनकी मेहनत रंग लाई.
अभी कहां हैं जेईई टॉपर?
जेईई एडवांस्ड 2018 टॉपर लिस्ट में शामिल नील ने आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया था. इस समय वह Uber India में फ्रंटएंड SDE 2 लेवल पर काम कर रहे हैं.