200 रुपये ब‍िकने के बाद टमाटर ब‍िक रहा 5 रुपये क‍िलो, फसल प‍िटने का क्‍या है कारण?
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200 रुपये ब‍िकने के बाद टमाटर ब‍िक रहा 5 रुपये क‍िलो, फसल प‍िटने का क्‍या है कारण?

Tomato Price Hike: छह हफ्ते पहले तक टमाटर की कैरेट की औसत कीमत 2,000 रुपये तक थी. कोल्हापुर में टमाटर का रेट ग‍िरकर 2-3 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया है. थोक बाजार में गिरावट आने के बाद किसानों ने टमाटर की खेती छोड़नी शुरू कर दी.

200 रुपये ब‍िकने के बाद टमाटर ब‍िक रहा 5 रुपये क‍िलो, फसल प‍िटने का क्‍या है कारण?

Tomato Price Crash: एक महीने पहले तक 200 से 300 रुपये क‍िलो तक ब‍िकने वाला टमाटर एक बार फ‍िर से ग‍िरकर 3 से 5 रुपये प्रत‍ि क‍िलो पर आ गया है. मीड‍िया र‍िपोर्ट के अनुसार जब टमाटर का रेट आसमान पर पहुंचा तो टमाटर की फसल लगाने वाले कई क‍िसान रात-द‍िन में करोड़पत‍ि हो गए. लेक‍िन एक बार फ‍िर से टमाटर का रेट ग‍िरने से क‍िसानों का हाल बेहाल है. महाराष्‍ट्र में कीमतें एक महीने के अंदर ही 200 रुपये से ग‍िरकर 3-5 रुपये प्रति किलो आने पर क‍िसान अपनी फसल छोड़ने या उसे नष्ट करने के लिए मजबूर हो रहे हैं.

किसान फसल को औने-पौने दाम पर बेचने के ल‍िए मजबूर

टाइम्‍स ऑफ इंड‍िया में प्रकाश‍ित खबर के अनुसार टमाटर की एक बार फ‍िर बंपर पैदावार के बाद कीमत में भारी गिरावट देखी जा रही है. कीमत में इस तरह आ रही ग‍िरावट को देखते हुए क‍िसान टमाटर और प्याज के लिए एमएसपी की मांग कर रहे हैं. एक अनुमान के अनुसार एक एकड़ जमीन में टमाटर की फसल उगाने के ल‍िए करीब 2 लाख रुपये की जरूरत होती है. लेक‍िन अब कीमत में ग‍िरावट आने के बाद किसान फसल को औने-पौने दाम पर बेचने के ल‍िए मजबूर हैं.

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टमाटर का रेट 5 रुपये प्रति किलो तक गिर गया
पुणे में भी टमाटर का रेट 5 रुपये प्रति किलो तक गिर गया है. नासिक की पिंपलगांव, नासिक और लासलगांव की थोक मंडियों टमाटर की 20 क‍िलो वाली कैरेट का रेट घटकर 90 रुपये पर आ गया है. छह हफ्ते पहले तक इसी कैरेट की औसत कीमत 2,000 रुपये तक थी. कोल्हापुर में भी टमाटर का रेट 2-3 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया है. थोक बाजार में गिरावट आने के बाद किसानों ने टमाटर की खेती छोड़नी शुरू कर दी है.

हर द‍िन 2 लाख कैरेट टमाटर की नीलामी
महाराष्ट्र के सबसे बड़े थोक टमाटर बाजार पिंपलगांव एपीएमसी में प्रतिदिन लगभग 2 लाख कैरेट टमाटर की नीलामी की जा रही है. राज्य के कृषि विभाग की तरफ से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, नासिक में टमाटर का औसत रकबा करीब 17,000 हेक्टेयर है. इसमें 6 लाख मीट्रिक टन टमाटर का उत्पादन होता है. इस साल टमाटर की खेती दोगुनी होकर 35,000 हेक्टेयर हो गई, जिसका उत्पादन करीब 12.17 लाख मीट्रिक टन है.

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क्‍यों आई रेट में बड़ी गिरावट
टमाटर की बंपर पैदावार के बाद कीमत में भारी गिरावट आ रही है. जुलाई के महीने में पुणे के नारायणगांव बाजार में टमाटर की थोक की कीमतें 3,200 रुपये प्रति कैरेट तक पहुंच गईं. इसके बाद क‍िसानों ने अच्‍छे फायदे की उम्‍मीद में टमाटर की बंपर खेती शुरू कर दी. लेक‍िन अब पैदावार बढ़ने से इसके रेट में फ‍िर से ग‍िरावट देखी जा रही है. कुछ क‍िसानों ने तो अपनी टमाटर की पूरी फसल नष्‍ट कर दी है. दरअसल, 100 कैरेट फसल काटने और इसे मंडी तक पहुंचाने का खर्च 8,500 रुपये के करीब है. ऐसे में टमाटर को नष्‍ट करने की बजाय इसे मंडी तक ले जाने में ज्‍यादा खर्च है.

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