वायु प्रदूषण से बढ़ जाता है इस घातक बीमारी का खतरा, शुरुआती संकेतों पर डालें एक बार नजर
Advertisement
trendingNow11818079

वायु प्रदूषण से बढ़ जाता है इस घातक बीमारी का खतरा, शुरुआती संकेतों पर डालें एक बार नजर

वायु प्रदूषण एक ऐसी चिंता का कारण है जिसने हमारे वातावरण को गंभीर खतरे में डाल दिया है. वायु प्रदूषण में वातावरण में विभिन्न प्रकार के अपशिष्ट या प्रदूषकों का मिश्रण होता है, जो हमारे वायुमंडल की गुणवत्ता को खराब कर देते हैं.

वायु प्रदूषण से बढ़ जाता है इस घातक बीमारी का खतरा, शुरुआती संकेतों पर डालें एक बार नजर

Air pollution: प्रदूषण एक गंभीर चुनौती है जिससे आज हमारा पूरा पृथ्वी का जीवन शिकार हो रहा है. वायु प्रदूषण एक ऐसी चिंता का कारण है जिसने हमारे वातावरण को गंभीर खतरे में डाल दिया है. वायु प्रदूषण में वातावरण में विभिन्न प्रकार के अपशिष्ट या प्रदूषकों का मिश्रण होता है, जो हमारे वायुमंडल की गुणवत्ता को खराब कर देते हैं. इससे हमारे वायुमंडल में विभिन्न हानिकारक गैसे और अद्भुत पदार्थों के चलन का बदलाव होता है, जिससे हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. खासकर डिमेंशिया का खतरा बढ़ने की आशंका अधिक होती है. जर्नल बीएमजे मेंटल हेल्थ में यह अध्ययन प्रकाशित हुआ है.

अध्ययन के अनुसार जिन इलाकों में वायु प्रदूषण अधिक होता है, वहां मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का उपयोग बढ़ जाता है. अध्ययन में शोधकर्ताओं ने वातावरण में नाइट्रोजन ऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) का स्तर कम करने का सुझाव दिया है बताया कि एक अनुमान के मुताबिक, ब्रिटेन में 8.5 लाख डिमेंशिया पीड़ित हैं, जिनकी संख्या 2050 तक 20 लाख तक होने की आशंका है.

डिमेंशिया के शुरुआती संकेत
डिमेंशिया के शुरुआती संकेत कई प्रकार के हो सकते हैं और इनमें से हर व्यक्ति को एक जैसे लक्षण नहीं होते हैं. हालांकि, कुछ आम शुरुआती संकेत निम्नलिखित हो सकते हैं:

मेमोरी लॉस
यह एक प्रमुख शुरुआती संकेत हो सकता है, जिसमें व्यक्ति को पिछली घटनाओं या जानकारी की याददाश्त में कमी होती है.

भूलने की स्थिति
व्यक्ति किसी जागरूकता की आवश्यकता होती है, जैसे कि उन्हें घर का पता, अपने परिवार के सदस्यों के नाम या रोजाना की गतिविधियों की याद नहीं रहती.

भाषा में बदलाव
व्यक्ति को अपने शब्दों की चुनौती महसूस होती है और वे सही शब्दों का चयन करने में परेशानी महसूस करते हैं.

समय और जगह की समझ में कमी
व्यक्ति को व्यक्तिगत या सामाजिक संवाद में समय और स्थान की समझ में कठिनाई हो सकती है.

पर्सनालिटी में परिवर्तन
व्यक्ति के व्यवहार में अनुभव होता है, जैसे कि उनकी पर्सनालिटी में परिवर्तन हो सकता है, जो उनके पहले रहते थे.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Trending news