ED Action in Sukhdev Gogamedi Murder Case: लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने जयपुर में हुए करणी सेना के अध्यक्ष की जिम्मेदारी ली है. इस घटना के बाद ईडी ने बिश्नोई के 13 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की है.
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ED Action on Lawrence Bishnoi Gang: जयपुर में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की घर में घुसकर जघन्य हत्या से पूरा राजस्थान हिलकर रह गया. बदमाशों ने जिस दुस्साहसिक तरीके से इस वारदात को अंजाम दिया, उससे पुलिस समेत तमाम सुरक्षा एजेंसियों पर भी सवाल खड़े हो गए हैं. घटना के बाद लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके इसकी जिम्मेदारी ली और साथ ही धमकाया कि गैंग के दूसरे दुश्मन भी अपनी अर्थी तैयार रखें. वारदात के बाद ED ने उस पर शिकंजा कसना तेज कर दिया है.
ED ने बिश्नोई के ठिकानों पर मारे छापे
रिपोर्ट के मुताबिक ED ने लारेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) गैंग से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी कर संपत्ति से जुड़े दस्तावेज, अवैध निवेश और 5 लाख रुपये जब्त किए है. जांच में पता चला कि गैंग सिस्टेमैटिक तरीके से अवैध कमाई को वैध बनाने में लगा हुआ था. एजेंसी ने हरियाणा और राजस्थान में 13 जगहों पर लारेंस बिश्नोई के करीबी बदमाश सुरेंद्र उर्फ चीकू के ठिकानों पर छापेमारी की. सुरेंद्र लारेंस बिश्नोई गैंग और खालिस्तानी आतंकी के पैसों को खनन, शराब व्यापार और टोल नाकों पर लगाता था. इस काम के लिये उसने सतीश कुमार और विकास कुमार की कंपनियों को जरिया बनाया था.
इन धंधों में खपाया जा रहा था पैसा
सतीश कुमार और विकास कुमार M/s MDR Enterprises Pvt Ltd के डायरेक्टर है. ये कंपनी 12 अक्टूबर 2020 को बनाई गई थी और खनन और बालू के काम का व्यापार करती है. इसके अलावा ये दोनों M/s Nimawat Granites Privete Ltd के भी डायरेक्टर थे, जिसे 5 जुलाई 2012 को बनाया गया था. ये कंपनी भी पत्थर, मिट्टी और क्ले के काम करती थी.
पुलिस से बचने के लिए खुफिया ठिकाने
एजेंसी का कहना की अपराध की दुनिया से ये गैंग जो कमाई कर रहा था, उसे सुरेंद्र इन दोनों कंपनियों के जरिये निवेश कर रहा था ताकी अवैध कमाई को वैध बनाया जा सके. इसके अलावा ये गैंग बेनामी संपतियों में भी निवेश कर रहे थे, जिसे गैंग मेंबर खुद के लिये इस्तेमाल कर सके. पुलिस से बचने और वारदात के बाद छिपने और आपस में मिलने के लिए बी इन ठिकानों का इस्तेमाल किया जाता था.
60 बैंक खाते किए गए जब्त
इतने इनपुट मिलने के बाद ईडी ने आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी का फैसला किया. इस रेड के बाद जांच से जुड़े दस्तावेज, कैश का बही खाता, संपत्ति से जुड़े दस्तावेज और 60 बैंक खातों को जब्त कर लिया गया. इसके अलावा 13 बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज और 5 लाख भी छापेमारी के दौरान बरामद हुए, जिन्हें जब्त कर लिया गया है.