राइट टू हेल्थ बिल: मंत्री खाचरियावास बोले - हम डॉक्टर्स से नहीं चाहते टकराव, कदम पीछे हटना पड़ा तो हटेगी सरकार
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राइट टू हेल्थ बिल: मंत्री खाचरियावास बोले - हम डॉक्टर्स से नहीं चाहते टकराव, कदम पीछे हटना पड़ा तो हटेगी सरकार

राइट टू हेल्थ बिल पर मंत्री खाचरियावास का बयान सामने आया है. खाचरियावास ने कहा कि हम डॉक्टर्स से टकराव नहीं चाहते हैं. अगर कदम पीछे हटना पड़ा तो सरकार हटेगी.

राइट टू हेल्थ बिल: मंत्री खाचरियावास बोले - हम डॉक्टर्स से नहीं चाहते टकराव, कदम पीछे हटना पड़ा तो हटेगी सरकार

Jaipur: राइट टू हेल्थ बिल को लेकर राजस्थान में निजी चिकित्सकों और सरकार के बीच चल रहे गतिरोध के बीच कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास का बड़ा बयान आया है. मंत्री खाचरियावास ने कहा कि हम डॉक्टर्स से टकराव नहीं चाहते हैं. ऐसे में यदि चार कदम पीछे भी हटना पड़ा तो सरकार हटेगी.

कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि मैं खुद चाहता हूं डॉक्टर्स की स्ट्राइक खत्म हो और यह गतिरोध टूटे क्योंकि लोग परेशान होते हैं. उन्होंने कहा राइट टू हेल्थ बिल जनता के हित में ही लाया गया है क्योंकि राजस्थान सरकार की नियत और सोच अच्छी है और सरकार चाहती है कि राजस्थान राइट टू हेल्थ बिल लाने वाला देश का पहला राज्य बने.

मैं करूंगा मुख्यमंत्री से बात, डॉक्टर्स बताएं अपनी परेशानी

मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि यदि डॉक्टर्स को कोई परेशानी है तो बताएं उन्होंने कहा कि उनकी मुख्यमंत्री जी से भी बात हुई थी और मुख्यमंत्री जी भी चाहते हैं कि यह गतिरोध टूटे. खाचरियावास ने कहा मैं खुद वापस मुख्यमंत्री जी से बात करूंगा, क्योंकि हम नहीं चाहते कि डॉक्टर से कोई टकराव हो. मन्त्री बोले कि, हम हड़ताल का समाधान चाहते हैं और इसके लिए यदि सरकार को चार कदम पीछे भी हटना पड़ा तो सरकार हटेगी, यह मेरा व्यक्तिगत मानना है.

मंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार कभी प्रेस्टीज की लड़ाई नहीं लड़ती और जनता के हित में यदि सरकार को चार कदम पीछे भी हटना पड़ा तो हटेंगे. खाचरियावास ने कहा कि सरकार का दिल बड़ा होता है. मंत्री ने हड़ताली डॉक्टर्स से भी आग्रह करते हुए कहा कि वे भी बातचीत के जरिये इस मुद्दे का समाधान निकालें.

आपको बता दें कि राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल को लेकर निजी अस्पताल से जुड़े डॉक्टर्स पिछले 11 दिनों से आंदोलनरत हैं. थे जिसके चलते प्रदेश में निजी चिकित्सालय में कामकाज ठप है. वहीं 20 मार्च से लगातार सरकारी अस्पतालों में तैनात रेजिडेंट डॉक्टर्स भी इस आंदोलन के समर्थन में कार्य बहिष्कार कर रहे हैं.

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