सनातन धर्म में शादी के बाद महिलाओं के लिए सोलह श्रृंगार का विशेष महत्व होता है.
सुहागिन महिलाओं के लिए सोलह श्रृंगार करना बहुत महत्वपूर्ण होता है.
शादीशुदा महिलाओं इसलिए बिछिया पहनती हैं क्योंकि यह सोलह श्रृंगार का हिस्सा होता है.
मान्यता के अनुसार बिछिया के बिना श्रृंगार अधूरा माना जाता है.
बिछिया मां लक्ष्मी का वाहक भी होता इसलिए शादीशुदा महिलाएं बिछिया पहनती हैं.
रामायण काल में बिछिया के प्रमाण मिले हैं. माना जाता है कि पैरों में बिछिया पहनने से महिला अपने पति से जुड़ी रहती हैं.
चांदी की बिछिया पहनने से महिलाओं के शरीर में निगेटिव एनर्जी दूर होती है.
यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.