नुमाइश

रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है, चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है.

फैसला

फैसला जो कुछ भी हो, हमें मंजूर होना चाहिए, जंग हो या इश्क हो, भरपूर होना चाहिए.

राज़

राज़ जो कुछ भी हो इशारों में बता भी देना, हाथ जब उससे मिलाना थोड़ा दबा भी देना.

मौसम

मैं आख़िर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता, यहाँ हर एक मौसम को गुज़र जाने की जल्दी थी.

दस्तक

किसने दस्तक दी, दिल पे, ये कौन है, आप तो अन्दर हैं, बाहर कौन है.

बीमार

बीमार को मरज़ की दवा देनी चाहिए, मैं पीना चाहता हूँ पिला देनी चाहिए.

ग़ज़ल

हर एक हर्फ़ का अंदाज़ बदल रखा हैं, आज से हमने तेरा नाम ग़ज़ल रखा हैं.

सौ बार करो

फूलों की दुकानें खोलो, खुशबू का व्यापार करो, इश्क़ खता है तो, ये खता एक बार नहीं, सौ बार करो.

गजरे

इश्क ने गूथें थे जो गजरे नुकीले हो गए, तेरे हाथों में तो ये कंगन भी ढीले हो गए.

हिसाब

जुबा तो खोल, नज़र तो मिला,जवाब तो दे, मैं कितनी बार लुटा हूं, मुझे हिसाब तो दे.