Solar Eclipse 2024: सूर्यग्रहण के दौरान जब होगा अंधेरा, नासा 3 रॉकेट्स दागकर जानेगा धरती का छिपा 'राज
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Solar Eclipse 2024: सूर्यग्रहण के दौरान जब होगा अंधेरा, नासा 3 रॉकेट्स दागकर जानेगा धरती का छिपा 'राज

NASA Mission: साउंडिंग रॉकेट तीन अलग-अलग समय में लॉन्च किए जाएंगे. इनमें पहला ग्रहण से 45 मिनट पहले, दूसरा ग्रहण के 45 मिनट के दौरान  और तीसरा ग्रहण के चरम के 45 मिनट बाद.

Solar Eclipse 2024: सूर्यग्रहण के दौरान जब होगा अंधेरा, नासा 3 रॉकेट्स दागकर जानेगा धरती का छिपा 'राज

Solar Eclipse 2024 News:  8 अप्रैल, 2024 को, पूर्ण सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) के दौरान, नासा (NASA ) पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल (Upper Atmosphere) पर सूर्य के प्रकाश में कमी के प्रभावों की जांच करने के लिए तीन साउंडिंग रॉकेट (Three Sounding Rockets) लॉन्च करेगा. इन्हें वर्जीनिया में नासा की वॉलॉप्स फ्लाइट फैसिलिटी से लॉन्च किया जाएगा. 

अक्टूबर 2023 के वलयाकार सूर्य ग्रहण (Annular Solar Eclipse) के दौरान, न्यू मैक्सिको में व्हाइट सैंड्स टेस्ट फैसिलिटी से साउंड रॉकेटों को लॉन्च किया गया था. अब इन्हें रेनोवेट किया गया है और नए इक्विपमेंट से लैस किया गया है. 

तीन अलग-अलग टाइम पर लॉन्च होंगे रॉकेट
साउंडिंग रॉकेट तीन अलग-अलग समय में लॉन्च किए जाएंगे. इनमें पहला ग्रहण से 45 मिनट पहले, दूसरा ग्रहण के 45 मिनट के दौरान  और तीसरा ग्रहण के चरम के 45 मिनट बाद.

ये समय अंतराल इस बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए महत्वपूर्ण हैं कि सूर्य की अचानक गैरमौजूदगी से आयनमंडल (Ionosphere ) कैसे बाधित होता है, जो संभावित रूप से मानव संचार में हस्तक्षेप करता है. बता दें पृथ्वी के वायुमंडल का एक भाग जो सतह से 55 और 310 मील (90 और 500 किलोमीटर) के बीच स्थित है, आयनमंडल के रूप में जाना जाता है.

प्रोजेक्ट के प्रभारी ने क्या कहा?
वैज्ञानिक आरोह बड़जात्या के मुताबिक, यह क्षेत्र इलेक्ट्रिफाइड है, जो सैटेलाइट कम्युनिकेशन को प्रभावित करता है क्योंकि सिग्नल गुजरते हैं और रेडियो तरंगों को प्रतिबिंबित और अपवर्तित करते हैं। आयनमंडल को जानना और व्यवधान की भविष्यवाणी में मदद के लिए मॉडल बनाना हमारी दुनिया के लिए जरूरी है जिसकी कम्युनिकेशन पर निर्भरता बढ़ती जा रही है.'

फ्लोरिडा में एम्ब्री-रिडल एरोनॉटिकल यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग फिजिक्स के प्रोफेसर और स्पेस एंड एटमॉस्फेरिक इंस्ट्रुमेंटेशन लैब के निदेशक आरोह बड़जात्या इस प्रोजेक्ट के प्रभारी हैं.

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