World Hypertension Day 2024: जान ले लेता है बिना लक्षण वाला हाई ब्लड प्रेशर; इस तरह इसपर रखें काबू
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World Hypertension Day 2024: जान ले लेता है बिना लक्षण वाला हाई ब्लड प्रेशर; इस तरह इसपर रखें काबू

World Hypertension Day 2024: भारत में 188.3 मिलियन लोग हाई ब्लड प्रेशर से प्रभावित हैं.  रेसिस्टेंट हाइपरटेंशन (दवाओं के इस्तेमाल के बावजूद BP 140/90 से ऊपर) हाई BP है, जो इलाज करने के बाद भी अच्छी प्रतिक्रिया नहीं देता है. हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तचाप वाले करीब 20 फीसदी मरीज रेसिस्टेंट होते हैं. 

World Hypertension Day 2024: जान ले लेता है बिना लक्षण वाला हाई ब्लड प्रेशर; इस तरह इसपर रखें काबू

World Hypertension Day 2024: हर साल 17 मई को पूरे मुल्क में 'वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे' मनाया जाता है. इसका मकसद लोगों को हार्ट अटैक और हाई ब्लड प्रेशर से बचने के लिए जागरूक करना है. इस बार इस खास मौके से पहले एक्सपर्ट्स ने कहा है कि व्यक्ति का ब्लड प्रेशर जितने लंबे वक्त तक कंट्रोल रहेगा, वह उसके लिए उतना ही नुकसानदायक होगा. इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हार्ट फेलियर, और किडनी की परेशनी आ सकती हैं. 'वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे'की इस साल की थीम "मेज़र योर ब्लड प्रेशर एक्युरेटली, कंट्रोल इट, लिव लॉन्गर" है.

रेसिस्टेंट हाइपरटेंशन (दवाओं के इस्तेमाल के बावजूद (ब्लड प्रेशर) BP 140/90 से ऊपर) हाई BP है, जो इलाज  करने के बाद भी अच्छी प्रतिक्रिया नहीं देता है. हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तचाप वाले करीब 20 फीसदी मरीज रेसिस्टेंट होते हैं.

"अनियंत्रित हाई ब्ल्ड प्रेशर सबसे गंभीर हेल्थ चिंताओं में से एक"; डॉ. देवी शेट्टी
नारायण हेल्थ के फाउंडर और चेयरमैन डॉ. देवी शेट्टी ने बताया कि अनियंत्रित हाई ब्ल्ड प्रेशर निस्संदेह सबसे गंभीर हेल्थ चिंताओं में से एक है. हृदय रोग एक्पर्ट्स ने कहा, "वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, भारत में 188.3 मिलियन लोग हाई ब्लड प्रेशर से प्रभावित हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से सिर्फ 37 फीसदी मरीजों को ही फॉर्मल डायग्नोसिस मिल पाता  है और इससे भी छोटा प्रतिशत रेगुलर ब्लड प्रेशर चेक की जरूरत पर जोर देते हुए इलाज शुरू करता है, खासकर जब आप 20 साल की उम्र तक पहुंचते हैं."

पी.डी. हिंदुजा हॉस्पिटल और एमआरसी, माहिम में कार्डियोथोरेसिक और हार्ट एंड लंग ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मयूर जैन ने बताया, "अनियंत्रित ब्लड प्रेशर के निदान में मरीज की दवा के सावधानीपूर्वक मूल्यांकन के साथ-साथ मोटापा, स्लीप एपनिया और हाई ब्ल्ड प्रेशर के दूसरे कारणों की पहचान और प्रबंधन शामिल है."

उन्होंने आगे कहा, "हाई बीपी की वजह से धमनी की दीवारों पर अत्यधिक दबाव से ब्लड वेसेल्स और शरीर के अंगों को नुकसान पहुंच सकता है. बीपी जितना ज्यादा होगा और लंबे क्त तक अनियंत्रित रहेगा और उतना ही ज्यादा नुकसान हो सकता है.  इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हार्ट फेलियर, और किडनी की परेशानी आ सकती हैं."

"दरख्वास्त करता हूं कि इलाज में कभी देरी न करें"; डॉ. रेफाई शोकथली 

महत्वपूर्ण बात यह है कि रेसिस्टेंट हाइपरटेंशन में महीनों और सालों तक किसी तरह के कोई सिंपटम्स नहीं दिखाई देते, लेकिन यह एक अहम हेल्थ खतरा पैदा कर सकता है. वहीं, अपोलो हॉस्पिटल के सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. रेफाई शोकथली ने बताया, "हाई बीपी चिंताजनक लक्षण नहीं दिखाता, इसलिए इसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन मैं सभी से दरख्वास्त करता हूं कि इलाज में कभी देरी न करें. इसके  परिणाम लंबे वक्त के लिए और गंभीर होते हैं."

मैक्स हॉस्पिटल वैशाली के सीनियर डाइरेक्टर डॉ. आनंद पांडे ने बताया, "दवा लेने का सही से पालन न करना, गतिहीन जीवन शैली और ज्यादा नमक का इस्तेमाल, किडनी रोग या ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया, हार्मोनल असंतुलन, आनुवंशिक गड़बड़ी जैसे कई कारक रेसिस्टेंट हाइपरटेंशन को जन्म दे सकते हैं."

डॉक्टरों ने कहा कि इससे बचने और  रेसिस्टेंट हाइपरटेंशन को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए दवा समेत अपने जीवनशैली और तनाव जैसी चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है.

 

 

 

 

 

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