"मैं ने ऐ दिल तुझे सीने से लगाया हुआ है, और तू है कि मिरी जान को आया हुआ है"
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"मैं ने ऐ दिल तुझे सीने से लगाया हुआ है, और तू है कि मिरी जान को आया हुआ है"

Ajmal Siraj Poetry: अजमल सिराज पाकिस्तान से ताल्लुक रखने वाले उर्दू के शायर हैं. उन्होंने बहुत आसान उर्दू में शेर व शायरी की है. यहां पेश हैं उनके कुछ शेर.

 

"मैं ने ऐ दिल तुझे सीने से लगाया हुआ है, और तू है कि मिरी जान को आया हुआ है"

Ajmal Siraj Poetry: अजमल सिराज उर्दू के शायर हैं. वह 14 अगस्त 1968 को पैदा हुए. इनका ताल्लुक पाकिस्तान से है. उनकी मशहूर किताबों में 'और मैं सोचता रह गया' शामिल है. इनकी सबसे मशहूर गजलों में 'दीवार याद आ गई दर याद आ गया' और 'तेरे सिवा किसी की तमन्ना करूंगा मैं' शामिल है. अजमल सिराज का बेटा सैयद अब्दुर्रहमान भी शायर है. वह पाकिस्तान के नौजवान शायरों में गिने जाते हैं.

उस ने पूछा था क्या हाल है 
और मैं सोचता रह गया 

ज़िंदगी हम से चाहती क्या है
चाहती क्या है ज़िंदगी हम से

ये जो हम खोए खोए रहते हैं
इस में कुछ दख़्ल है तुम्हारा भी

बदल जाएँगे ये दिन रात 'अजमल'
कोई ना-मेहरबाँ कब तक रहेगा

वो किसी रोज़ हवाओं की तरह आएगा
राह में जिस की दिया हम ने जलाया हुआ है

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किसी के हिज्र में जीना मुहाल हो गया है
किसे बताएँ हमारा जो हाल हो गया है

बस एक शाम का हर शाम इंतिज़ार रहा
मगर वो शाम किसी शाम भी नहीं आई

बताओ तुम से कहाँ राब्ता किया जाए
कभी जो तुम से ज़रूरत हो बात करने की

ये भी तय है कि जो बोएँगे वो काटेंगे यहाँ
और ये भी कि जो खोएँगे वही पाएँगे

मिरी मिसाल तो ऐसी है जैसे ख़्वाब कोई
मिरा वजूद समझ लीजिए अदम जैसे

ये उदासी का सबब पूछने वाले 'अजमल'
क्या करेंगे जो उदासी का सबब बतलाया

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