मध्य प्रदेश में उर्दू का क़त्ल; यहाँ बंदी गृह को कैदखाना बोलने से भाग जाते हैं अपराधी!
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2249815

मध्य प्रदेश में उर्दू का क़त्ल; यहाँ बंदी गृह को कैदखाना बोलने से भाग जाते हैं अपराधी!

मध्य प्रदेश सरकार ने अदालत और पुलिस प्रशासन में उर्दू और फ़ारसी के शब्दों के इस्तेमाल को गुलामी का प्रतीक बताकर 69 शब्दों को ऑफिसियल इस्तेमाल से बाहर कर दिया है, और इनकी जगह हिंदी के शब्दों का प्रयोग करने का आदेश जारी किया है. इसके साथ ही प्रदेश में भाषा के साथ भेदभाव को लेकर सरकार और विपक्ष में तकरार शुरू हो गया है.

मध्य प्रदेश में उर्दू का क़त्ल; यहाँ बंदी गृह को कैदखाना बोलने से भाग जाते हैं अपराधी!

भोपाल: भाजपा शासित राज्यों में न सिर्फ उर्दू नाम वाले शहरों और जिलों के नाम बदले जा रहे हैं, बल्कि उर्दू भाषा को ही आम चलन से बाहर करने का काम किया जा रहा है. भाजपा शुरू से ही उर्दू जुबान को लेकर पूर्वाग्रह से ग्रसित रही है. वो इसे मुसलमानों की भाषा बताकर इसे हिंदी की तरक्की में सबसे बड़ी बाधा के तौर पर पेश करती रही है, और हिंदी बोलचाल और लेखन में उर्दू के शब्दों के इस्तेमाल को साजिश बताती रही है. 

अब मध्य प्रदेश सरकार ने पुलिस और अदालती कामों में इस्तेमाल होने वाली उर्दू और फ़ारसी के शब्दों को बाहर करने का फरमान जारी कर दिया है. सरकार ने उर्दू/ फ़ारसी के शब्दों को हटाकर उन शब्दों के स्थान पर हिंदी के शब्दों का इस्तेमाल करने का आदेश जारी किया है. मध्य प्रदेश पुलिस अब लिखा पढ़ी और बोलचाल की भाषा मे 69 उर्दू शब्दों की जगह हिंदी के शब्दों का इस्तेमाल करेगी. एडीजी पवन श्रीवास्तव ने इस मामले में पुलिस इकाईयो को नए शब्दकोश के उपयोग के निर्देश दिए हैं. अपराध अनुसंधान अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पवन कुमार श्रीवास्तव ने सभी पुलिस आयुक्त और पुलिस अधीक्षक और रेलवे पुलिस को इस आशय का नोटीफिकेशन जारी किया है.

2022 में सरकार की तरफ से पुलिस मुख्यालय को लिखे पत्र की कॉपी भी साझा की गयी है, जिसमें 69 उर्दू और फारसी के शब्दों के साथ उनकी जगह उपयोग करने वाले नए हिंदी शब्दों का भी जिक्र किया गया है. यानी अब कत्ल की जगह हत्या या वध लिखा जाएगा, जबकि अदालत की जगह न्यायालय शब्द का इस्तेमाल होगा. इस्तेगासा की जगह दावा या परिवाद और फरियादी को आवदेक लिखना होगा. ऐसे ही गिरफ्तार या हिरासत को अभिरक्षा लिखा जाएगा.

हालांकि, सच्चाई ये है कि पुलिस विभाग हिंदी के बजाये उर्दू और फ़ारसी के शब्दों को लिखने और समझने में ही अभ्यस्त हो चुका है. उन्हें हिंदी का मतलब ही नहीं पता है. 
मध्य प्रदेश पुलिस का फैसला पुलिस जवानों को ही ठीक से समझ नहीं आ रहा है. पुलिस की डिक्शनरी से कितने शब्द उर्दू फारसी के हटाए गए हैं, ये जवानों को ठीक से  पता नहीं है. उर्दू और फारसी की जगह पीएचक्यू की तरफ से हिंदी के शब्दों के इस्तेमाल के आदेश को लेकर जब हमारे नामानिगार ने जमीनी हकीकत जाननी चाही और पुलिस अहलकारों से पूछा की इन हिंदी के शब्दों का क्या मतलब होगा तो पुलिस जवान मतलब नहीं बता  पाए. 

गौरतलब है कि मुग़ल शासन के अंत के बाद ब्रिटिशकाल से ही देश में अदालतों या पुलिस प्रशासन में इंग्लिश के साथ उर्दू और फ़ारसी के शब्दों का इस्तेमाल होता रहा है. इसके लिए कोई आदेश या दिशा निर्देश नहीं था, बल्कि ये चलन में था. हालाँकि, इस मामले में हिंदी लिखने में भी कोई प्रतिबन्ध नहीं था. लेकिन अब सरकार से उर्दू ऑफ़ फ़ारसी के शब्दों पर आधिकारिक तौर पर प्रतिबन्ध लगा दिया है. बीजेपी के पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने मध्य प्रदेश विधानसभा में दो साल पहले इस मुद्दे को उठाया था . यशपाल सिंह सिसोदिया का कहना है की 1896 के समय से पुलिस विभाग में ये शब्द इस्तेमाल हो रहे थे . ये गुलामी का प्रतीक है. इसलिए इसे हटाया जाना चाहिए. 

हालांकि, सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस ने सरकार पर सवाल खड़े किये हैं. कांग्रेस का इलज़ाम है की बीजेपी सरकार के पास नाम बदलने के अलावा कोई काम नहीं है.  कभी शहर का नाम , स्टेशन का नाम बदल दिया गया . क्या मुजरिम को अपराधी कहने से अपराध ख़त्म हो जाएगा?  कांग्रेस ने इलज़ाम लगाया है कि भाजपा सरकर पर पहले धार्मिक आधार पर बंटवारा करती है, अब भाषा और बवाल करने में जुटी है. 

ये उर्दू शब्द बदल जाएंगे

ताजिरात-ए-हिंद : भारतीय दंड संहिता
जाप्ता फौजदारी : दंड प्रक्रिया संहिता
अदालत : न्यायालय
कैदखाना : बंदी गृह
हाजिर/गैरहाजिर : उपस्थित/अनुपस्थित
तफ्तीश/तहकीकात : अनुसंधान/जांच
तहरीर : लिखित/लेखीय विवरण
इस्तगासा : दावा, परिवाद
इरादतन : साशय
कब्जा : आधिपत्य
कत्ल/कातिल/कतिलाना : हत्या,वध/हत्यारा/प्राणघातक
गुजारिश : प्रार्थना, निवेदन
गिरफ्तार/हिरासत : अभिरक्षा
नकबजनी : गृहभेदन, सेंधमारी
चश्मदीद गवाह : प्रत्यक्षदर्शी, साक्षी
बयान : कथन शेष | पेज 14 पर
फरियादी : आवेदक, शिकायतकर्ता
हलफनामा : शपथ पत्र
फैसला : निर्णय
फौत : मृत्यु
सजा/बरी : दोषसिद्ध/दोषमुक्त
मुकीम : रुकना, ठहरना
माकूल : उचित
मुल्जिम/मुजरिम : आरोपी/अपराधी
अदम चैक : असंज्ञेय, पुलिस हस्तक्षेप, अयोग्य अपराध की सूचना
जुर्म, (जरायम) दफा : अपराध, धारा
आमद/रवाना : रवानगी आगमन, प्रस्थान
इजाफा : वृद्धि, बढ़ाना
कायमी : पंजीयन
कैफीयत/मजनून/तफसील : विवरण, विस्तृत विवरण
इत्तिला/इत्तिलान : सूचना/सूचनार्थ इमरोजा : आज दिनांक
इमदाद : मदद सहायता
तामील/अदम तामील : सूचना/सूचित न होना
म्याद : समय सीमा, अवधि
खारिज/खारिजी : रद्द निरस्त/निरस्तीकरण
खून आलूदा : रक्त रंजित, रक्त से सना हुआ
खैरियत : कुशलता
गवाह/गवाहन : साक्षी/साक्षीगणद्य
जमानत/मुचलका : प्रतिभूति/बंध पत्र
जप्त : अभिग्रहण, अधिग्रहण
जरिए : माध्यम
तहत : अंतर्गत
जख्म/जख्मी/मजरूब : चोट, घाव/घायल, आहत
ताकीद/हिदायत : चेतावनी, समझाइश
तफतीश कुनिंदा : विवेचक, अनुसंधानकर्ता, अन्वेषक
तब्दील : परिवर्तित, परिवर्तन
थाना हाजा : आरक्षी केंद्र पर उपस्थित
दस्तावेज : प्रपत्र अभिलेख
दस्तयाब : खोज लेना, बरामद
दीगर : अन्य दूसरा
मौका-ए-वारदात : घटनास्थल
नजीर : दृष्टांत
परवाना : परिपत्र, अधिपत्र
मशरुका : संपत्ति मुतफर्रिक : विविध
मर्ग : अकाल मृत्यु
मंजूरशुदा : स्वीकृत
शिनाख्त : पहचान सहवन : भूलवश, त्रुटिवश
सबूत : साक्ष्य, प्रमाण
सकुनत/साकिन : पता/निवास
संगीन : गंभीर
हिकमत अमली : विवेकानुसार
हमराह : साथ में
हस्ब जेल : उपरोक्तानुसार, के अनुसार
आला जरब, आला जरर, आला ए कत्ल : घटना, अपराध या हत्या में प्रयुक्त हथियार
गोशवारा : नक्शा
दस्तंदाजी/अदम दस्तंदाजी : संज्ञेय/असंज्ञेय

 

Trending news