सिगरेट पर 5 फीसदी सेस लगने से एलआईसी को हुआ 7000 करोड़ का नुकसान
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सिगरेट पर 5 फीसदी सेस लगने से एलआईसी को हुआ 7000 करोड़ का नुकसान

जीएसटी काउंसिल द्वारा सोमवार से सिगरेट पर अतिरिक्त 5 फीसदी उपकर (सेस) लागू हो गया. इसके बाद सुबह से ही देश की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार इंडियन टोबैकों कंपनी (आईटीसी) के शेयर में भारी गिरावट देखने को मिली. 1992 के बाद से आईटीसी के शेयर सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए. इस गिरावट की वजह से एलआईसी समेत देश की तमाम इंश्योरेंस कंपनियों को भी नुकसान हुआ है. 

सिगरेट पर 5 फीसदी सेस लगने से एलआईसी को हुआ 7000 करोड़ का नुकसान

नई दिल्ली: जीएसटी काउंसिल द्वारा सोमवार से सिगरेट पर अतिरिक्त 5 फीसदी उपकर (सेस) लागू हो गया. इसके बाद सुबह से ही देश की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार इंडियन टोबैकों कंपनी (आईटीसी) के शेयर में भारी गिरावट देखने को मिली. 1992 के बाद से आईटीसी के शेयर सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए. इस गिरावट की वजह से एलआईसी समेत देश की तमाम इंश्योरेंस कंपनियों को भी नुकसान हुआ है. 

सोमवार को बाजार खुलते ही आईटीसी के शेयरों में 12 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. सेंसेक्स और निफ्टी भी 300 अंक तक लुढ़क गया. इस वजह से एलआईसी को 7 हजार करोड़ का नुकसान हो गया. कई विदेशी निवेशकों को भी काफी नुकसान झेलना पड़ा.  एलआईसी समेत कई बीमा कंपनियां आईटीसी में हिस्सेदार हैं. 30 जून तक एलआईसी के पास 16.29 फीसदी आईटीसी के शेयर थे. 
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जीएसटी लागू होने के बाद सिगरेट पर 28 फीसदी की दर से टैक्स लग रहा था जो पहले से लगभग 8 फीसदी कम था. जीएसटी के बाद एक्साइज ड्यूटी खत्म हो जाने से सिगरेट के दाम कम हो गए थे. अब 5 प्रतिशत अतिरिक्त सेस लगने से सरकार को 5 हजार करोड़ की अतिरिक्त आमदनी होगी. 

प्रति 1000 सिगरेट के हिसाब से 65 मिमी तक लंबी सिगरेट पर 485 रुपए और उससे लंबी सिगरेट पर 792 रुपए सेस वसूला जाएगा. बता दें 18 मई 2017 को हुई 14 वीं बैठक में सिगरेट और तंबाकू उत्पादों पर सेस की दरें तय की गई थीं. 

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