8 बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर अक्तूबर में पड़ी धीमी, पिछले साल के मुकाबले 2.4% की गिरावट
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8 बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर अक्तूबर में पड़ी धीमी, पिछले साल के मुकाबले 2.4% की गिरावट

बुनियादी उद्योगों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट तथा बिजली आते हैं. इस बीच, उद्योग मंत्रालय ने सितंबर वृद्धि के अनुमान को कम कर 4.7 प्रतिशत कर दिया है.

इस्पात क्षेत्र में भी उत्पादन वृद्धि पिछले महीने कम होकर 8.4 प्रतिशत रही. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर अक्तूबर में धीमी होकर 4.7 प्रतिशत रही. मुख्य रूप से सीमेंट, इस्पात और रिफाइरी क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन से बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर कम हुई है. पिछले साल इसी महीने में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत थी. बुनियादी उद्योगों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट तथा बिजली आते हैं. इस बीच, उद्योग मंत्रालय ने सितंबर वृद्धि के अनुमान को कम कर 4.7 प्रतिशत कर दिया है. पूर्व में इसके 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था.

  1. पिछले साल इसी महीने में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत थी.
  2. उद्योग मंत्रालय ने सितंबर वृद्धि के अनुमान को कम कर 4.7 प्रतिशत कर दिया है. 
  3. पूर्व में इसके 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था.

यहां गुरुवार (30 नवंबर) को शाम जारी आधिकारिक आंकड़े के अनुसार सीमेंट उत्पादन में 2.7 प्रतिशत की गिरावट आयी, जबकि अक्तूबर 2016 में इसमें 6.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. इस्पात क्षेत्र में भी उत्पादन वृद्धि पिछले महीने कम होकर 8.4 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी महीने में 17.4 प्रतिशत थी.

इसी प्रकार, रिफाइनरी में वृद्धि दर धीमी होकर इस साल अक्तूबर में 7.5 प्रतिशत रही, जबकि पिछले साल इसी महीने में इसमें 12.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. सालाना आधार पर बिजली उत्पादन भी धीमा रहा है. दूसरी तरफ, कोयले में अच्छी वृद्धि देखी गयी और इसमें पिछले महीने 3.90 प्रतिशत की वृद्धि हुई. एक साल पहले इसी अवधि में इसमें 1.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी थी.

उर्वरक क्षेत्र में आलोच्य महीने में 3.0 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि पिछले साल अक्तूबर में 0.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी. इसके अलावा कच्चा तेल उत्पादन तथा प्राकृतिक गैस उत्पादन में भी सुधार हुआ है. कुल मिलाकर आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर अप्रैल-अक्तूबर के दौरान 3.5 प्रतिशत रही जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 5.6 प्रतिशत थी. आठ बुनियादी उद्योग का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 40.27 प्रतिशत भारांश है.

देश की GDP में उछाल, तिमाही में बढ़कर 6.3 फीसदी हुई

देश की आर्थिक वृद्धि दर में पिछली पांच तिमाहियों से जारी गिरावट का रुख थम गया. आर्थिक वृद्धि दर तीन साल के न्यूनतम स्तर से बाहर निकलते हुए चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 6.3 प्रतिशत पर पहुंच गई. विनिर्माण क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ने तथा कंपनियों के नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था जीएसटी के साथ सामंजस्य बिठाने से जीडीपी की चाल तेज हुई है. वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रही थी जो वृद्धि का तीन साल का सबसे कम आंकड़ा रहा. नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद यह सबसे कम वृद्धि दर थी.

वहीं इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह आंकड़ा 7.5 प्रतिशत था. इससे पहले वित्त वर्ष 2013-14 की चौथी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.6 प्रतिशत रही थी. अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज द्वारा हाल में करीब 14 साल बाद देश की रेटिंग बढ़ाये जाने के बाद आर्थिक वृद्धि का यह आंकड़ा आया है. वृद्धि दर के इस आंकड़े से मोदी सरकार के तरकश में एक और तीर आ गया है. नोटबंदी तथा जीएसटी से 2,400 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के आरोपों को झेल रही मोदी सरकार के लिये वृद्धि का यह आंकड़ा राहत भरा है.

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