सितंबर के पहले हफ्ते में लगातार 5 दिन बंद नहीं रहेंगे बैंक, ये है हकीकत
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सितंबर के पहले हफ्ते में लगातार 5 दिन बंद नहीं रहेंगे बैंक, ये है हकीकत

कुछ न्यूज वेबसाइट्स और समाचार चैनलों में दावा किया जा रहा है कि सितंबर के पहले हफ्ते में बैंकों की लगातार पांच दिन की छुट्टी रहेगी, लेकिन ऐसा नहीं है.

सितंबर के पहले हफ्ते में लगातार 5 दिन बंद नहीं रहेंगे बैंक, ये है हकीकत

नई दिल्ली : सितंबर के पहले हफ्ते में बैंकों की लगातार पांच दिन की छुट्टी रहेगी. इससे बैंक के काम में काफी परेशानी होगी, यहां तक कि फंड ट्रांसफर भी नहीं हो पाएगा. कुछ न्यूज वेबसाइट और समाचार चैनल्स में ऐसा दावा किया जा रहा है. इस खबर को देखने के बाद काफी यूजर्स परेशान हैं. जबकि हकीकत यह नहीं है. यह एक महज अफवाह है.

खबरों में किया जा रहा यह दावा
खबर में बताया जा रहा है कि एक सितंबर यानी शनिवार को बैंक बंद रहेंगे. दो सितंबर को रविवार और 3 सितंबर को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की छुट्टी होने के कारण बैंक बंद रहेंगे. खबरों में बताया जा रहा है कि 4 और 5 सितंबर को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने की धमकी दी है. पेंशन से जुड़ी अपनी मांगों को मनवाने के लिए आरबीआई कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने की धमकी दी है. ऐसे में बैंक में बंद रहेंगे. कुछ खबरों में बताया जा रहा है कि इससे बैंकिंग लेनदेन प्रभावित होगा और कैश की किल्लत होगी.

यह है हकीकत
सितंबर के शुरुआत में लगातार चार या पांच दिन बैंक बंद रहने की खबर अफवाह है. आपको बता दें कि 1 सितंबर को महीने का पहला शनिवार है. पहले शनिवार को बैंकों की छुट्टी नहीं होती. बैंकों का दूसरे और चौथे शनिवार को अवकाश रहता है. ऐसे में 1 सितंबर को बैंकिंग कामकाज सुचारू रहेगा. इसके बाद 2 सितंबर को रविवार को 3 सितंबर को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की छुट्टी होने के कारण बैंक बंद रहेंगे. इसके बाद 4 और 5 सितंबर को आरबीआई की कर्मचारी यूनियन के हड़ताल पर रहने के कारण बैंकिंग कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा. ऐसे में आपको बता दें कि बैंक केवल 2 और 3 सितंबर को ही बंद रहेंगे.

जानकारों का कहना है कि किसी भी छुट्टी से पहले एटीएम इंडस्ट्री से जुड़े लोग पहले ही एटीएम मशीन में जरूरी नकदी डाल देते हैं. इसके पीछे लक्ष्य होता है कि किसी भी तरह की परेशानी न हो. जानकारों का कहना है कि आरबीआई एक गवर्न‍िंग बॉडी है, ऐसे में रोजमर्रा के लेन-देन में इसकी भागीदारी न के बराबर होती है. अगर यह हड़ताल किसी कारणवश लंबी खिंचती है, तो इससे बैंक के साथ ही ग्राहकों को भी परेशानी हो सकती है.

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