केयर्न इंडिया-वोडाफोन के लिए राहत, टैक्स भुगतान पर ब्याज की छूट देगा सीबीडीटी
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केयर्न इंडिया-वोडाफोन के लिए राहत, टैक्स भुगतान पर ब्याज की छूट देगा सीबीडीटी

केयर्न इंडिया और वोडाफोन पीएलसी जैसी कंपनियां यदि बाद की पीछे की तिथि से प्रभावी कर कानून के तहत पूंजीगत लाभ कर मामले में कर की मूल राशि का भुगतान कर देती हैं, तो कर विभाग उस पर ब्याज देनदारी को समाप्त कर सकता है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 24 मार्च को जारी सर्कुलर में विभिन्न परिदृश्यों में विवादित कर मांग मामलों में ब्याज समाप्त करने की घोषणा की है. 

वोडाफोन को कर संग्रहण नहीं करने के लिए मामले में 14,200 करोड़ रुपये का कर अदा करने को कहा गया है. (फाइल फोटो)

नयी दिल्ली: केयर्न इंडिया और वोडाफोन पीएलसी जैसी कंपनियां यदि बाद की पीछे की तिथि से प्रभावी कर कानून के तहत पूंजीगत लाभ कर मामले में कर की मूल राशि का भुगतान कर देती हैं, तो कर विभाग उस पर ब्याज देनदारी को समाप्त कर सकता है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 24 मार्च को जारी सर्कुलर में विभिन्न परिदृश्यों में विवादित कर मांग मामलों में ब्याज समाप्त करने की घोषणा की है. 

कर मांग पर ब्याज माफ

इसमें कहा गया है कि ऐसे मामले में, जिनमें कर देनदारी कानून में पिछली तारीख से संशोधन या अदालत के फैसले की वजह से बनी है, कर मांग पर ब्याज माफ कर दिया जाएगा. मुख्य आयुक्त आयकर तथा आयकर महानिदेशक को सीबीडीटी के दिशानिर्देशों में कहा गया है, ‘मूल मांग के पूर्ण भुगतान न किए जाने या मूल राशि के भुगतान की संतोषजनक व्यवस्था नहीं होने पर ब्याज माफ नहीं किया जाएगा.’ 

2016 में प्रत्यक्ष कर विवाद निपटान योजना की घोषणा

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछले साल 28 फरवरी को प्रत्यक्ष कर विवाद निपटान योजना की घोषणा की थी. उसके सात सप्ताह बाद ये दिशानिर्देश आए हैं. 31 जनवरी को समाप्त हुई योजना में यह प्रावधान है कि यदि पुरानी तारीख के मामलों में मूल राशि चुका दी गई है और आयकर कानून में पिछली तारीख से संशोधनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली अपीलें वापस ले ली गई हैं तो ब्याज और जुर्माना माफ कर दिया जाएगा.

वोडाफोन टैक्स और केयर्न इंडिया मामला

वोडाफोन को पिछले की तारीख से प्रभावी कानूनी संशोधन के अधार पर 2007 में हांगकांग की हचिसन वाम्पोआ की भारत में 67 प्रतिशत हिस्सेदारी 11 अरब डॉलर में खरीदने के सौदे में दूसरी कंपनी को किए गए भुगतान पर कर संग्रहण नहीं करने के लिए मामले में 14,200 करोड़ रुपये का कर अदा करने को कहा गया है. इसी तरह ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी पीएलसी को 29,000 करोड़ रुपये का नोटिस गया है. 

इसमें 10,247 करोड़ रुपए के कर की मूल राशि और बाकी ब्याज है. केयर्न एनर्जी ने 2006 में अपने भारतीय कारोबार को नई अनुषंगी केयर्न इंडिया में स्थानांतरित किया था और उसे बाजार में सूचीबद्ध करा दिया था. इस पुनर्गठन कथित रूप से हुए पूंजीगत लाभ के लिए यह कर मांग की गई है. इसी के साथ कर विभाग ने केयर्न इंडिया पर 2006-07 में उसकी पूर्ववर्ती मूल कंपनी केयर्न एनर्जी को भारतीय कारोबार को पुनर्गठित करने से पूंजीगत लाभ पर विदहोल्डिंग कर की कटौती नहीं करने मामले में 20,495 करोड़ रुपये का कर अदा करने का नोटिस दिया है.

ब्याज में छूट संबंधी इस कर समाधान योजना की तिथि 31 जनवरी को बंद हो गयी. कर योजना मुख्य रूप से केयर्न एनर्जी और वोडाफोन को ध्यान में रख कर लायी गयी थी. नए दिशानिर्देश केयर्न इंडिया के साथ वोडाफोन पर भी लागू होंगे. केयर्न एनर्जी और न ही वोडाफोन ने 31 जनवरी को बंद हुई इस योजना का लाभ नहीं उठाया था. दोनों कंपनियों ने इस कर मांग को लेकर भारत को पंचाट में घसीटा है.

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