विजय माल्या के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर बदले जाने से जुड़े रिकार्ड का खुलासा करने से CBI का इनकार
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विजय माल्या के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर बदले जाने से जुड़े रिकार्ड का खुलासा करने से CBI का इनकार

पुणे निवासी विहार दुर्वे की एक आरटीआई अर्जी के जवाब में जांच एजेंसी ने सूचना मुहैया करने से इनकार करने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा आठ (1) का जिक्र किया. 

 विजय माल्या 9,000 करोड़ रूपये से अधिक का कर्ज नहीं चुकाने के मामले में आरोपी है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: सीबीआई ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) को कमजोर किए जाने से जुड़े रिकार्डों का खुलासा करने से इनकार किया है और इसके लिए जांच जारी रहने का हवाला दिया है. विजय माल्या 9,000 करोड़ रूपये से अधिक का कर्ज नहीं चुकाने के मामले में आरोपी है.

पुणे निवासी विहार दुर्वे की एक आरटीआई अर्जी के जवाब में जांच एजेंसी ने सूचना मुहैया करने से इनकार करने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा आठ (1) का जिक्र किया. यह धारा उन सूचनाओं का खुलासा नहीं करने से छूट प्रदान करती है, जो जांच प्रक्रिया या अपराधी के अभियोजन को प्रभावित करती हो.

हालांकि, दिल्ली हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जब एक सार्वजनिक प्राधिकार इस धारा का क्रियान्वयन करेगा, तब उसे इस बारे में विस्तृत वजह बतानी होगी कि खुलासा किस तरह से प्रक्रिया को प्रभावित करता है. 

सीबीआई ने माल्या की हिरासत की मांग करते हुए एलओसी जारी किया था. लेकिन एक हैरत भरे कदम के तहत उसने इसे कमजोर करते हुए आव्रजन अधिकारियों को माल्या के यात्रा करने के मामले में एजेंसी को महज सूचना भर देने को कहा. 

इसे कमजोर किए जाने के बाद माल्या पूछताछ के लिए एजेंसी के समक्ष पेश हुआ और यहां तक कि विदेश यात्रा की तथा फिर लौट भी आया. हालांकि, मार्च 2016 में वह देश से इंग्लैंड गया लेकिन तब से नहीं लौटा और वहां प्रत्यर्पण के खिलाफ एक मुकदमा लड़ रहा है. 

सरकारी सूत्रों के मुताबिक तत्कालीन सीबीआई निदेशक अनिल सिन्हा को एलओसी की प्रकृति में बदलाव के बारे में अवगत नहीं रखा गया, जिसे पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी ने एजेंसी के एक संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी के मौखिक निर्देशों पर किया था. 

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