आईडीबीआई बैंक के 600 करोड़ रुपए के घोटाले में सीबीआई ने एक्शन तेज कर दिया है. गुरुवार सुबह से सीबीआई कई ठिकानों पर छापेमारी कर रही है.
Trending Photos
नई दिल्ली: आईडीबीआई बैंक के 600 करोड़ रुपए के घोटाले में सीबीआई ने एक्शन तेज कर दिया है. गुरुवार सुबह से सीबीआई कई ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. इस मामले में आईडीबीआई के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी के घर भी छापेमारी की गई. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सीबीआई ने कुल 50 ठिकानों पर छापेमारी की है. हालांकि, छापेमारी में क्या हाथ लगा है इसकी जानकारी अभी नहीं मिली है. वहीं, इस मामले में पहले ही दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है.
DSL ग्रुप के चेयरमैन के खिलाफ केस
सीबीआई ने छापेमारी के दौरान DSL ग्रुप के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर शिवासनकरन के खिलाफ केस दर्ज किया है. इसके अलावा उनकी एक्सेल सनसाइन पर भी केस दर्ज किया गया है. चेयरमैन और कंपनी दोनों पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए लोन लेने का मामला दर्ज किया गया है.
CBI searching 50 locations, including residences of former senior IDBI bank officials, in Rs 600 cr loan default case: officials
— Press Trust of India (@PTI_News) April 26, 2018
पूछताछ जारी
सूत्रों की मानें तो सीबीआई IDBI बैंक के दो बड़ी अधिकारियों से पूछताछ कर रही है. बैंक में हुए घोटाले को लेकर पूछताछ की जा रही है. सीबीआई ने सुबह से ही बैंक अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया हुआ है.
CBI registers case against C Sivasankaran's company Axcel Sunshine in Rs 600 crore loan default with IDBI bank: officials
— Press Trust of India (@PTI_News) April 26, 2018
क्या है मामला
आईडीबीआई बैंक में फर्जी दस्तावेजों के जरिए 772 करोड़ रुपये का फ्रॉड करने का मामला उजागर हुआ था. यह फ्रॉड बैंक की आंध्र प्रदेश और तेलंगाना स्थित 5 शाखाओं में सामने आया. सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है. आईडीबीआई ने इस घोटाले की जानकारी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में फाइलिंग में दी है. बैंक ने बताया कि ये फ्रॉड लोन के जरिए किया गया है. इनमें से कुछ लोन साल 2009 से 2013 के दौरान लिए गए थे. ये लोन फिश फार्मिंग के लिए लिए गए हैं. बैंक ने कहा कि इसमें से कुछ लोन फर्जी दस्तावेज के आधार पर लिया गया था.
फर्जी संपत्ति के बदले लोन का मामला
बैंक ने बताया कि इन फर्जी दस्तावेजों में कुछ तालाब के पट्टों के थे. हालांकि इन पट्टों का वास्तव में अस्तित्व था ही नहीं. यही नहीं, फर्जीवाड़ा करने वालों ने गिरवी रखी गई संपत्ति की वैल्यू भी बढ़ा-चढ़ा कर बताई थी. बैंक ने बताया कि इस मामले में दिए गए लोन की प्रोसेसिंग और वितरण में कई खामियां सामने आई हैं. उसने इस कर्ज को देने वाले एक अधिकारी को बर्खास्त भी किया. वहीं, दूसरे अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं. बैंक ने बताया कि फर्जीवाड़े की ऐसी 5 शिकायतों में से 2 मामलों में केस दर्ज कर लिया गया है.