सोशल मीडिया पर सरकारी बैंकों के बंद होने की अफवाह, केंद्र और रिजर्व बैंक ने दिया ये जवाब
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सोशल मीडिया पर सरकारी बैंकों के बंद होने की अफवाह, केंद्र और रिजर्व बैंक ने दिया ये जवाब

रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि पीसीए रूपरेखा का मकसद बैंकों के आम जनता के लिए कामकाज में बाधक बनना नहीं है. केंद्रीय बैंक ने जून में भी इसी तरह का स्पष्टीकरण दिया था.

भारतीय रिजर्व बैंक. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली/मुंबई: सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार (22 दिसंबर) को सार्वजनिक क्षेत्र के किसी भी बैंक को बंद करने की अफवाहों को खारिज कर दिया. दोनों ने स्पष्ट किया है कि किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक को बंद करने का सवाल ही नहीं उठता. रिजर्व बैंक द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के बड़े ऋणदाता बैंक ऑफ इंडिया के खिलाफ त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) प्रक्रिया शुरू करने के बाद इस तरह अफवाहें शुरू हो गई हैं कि सरकार कुछ बैंकों को बंद कर सकती है.

  1. रिजर्व बैंक ने जोर देकर कहा कि पीसीए ढांचा दिसंबर, 2002 से परिचालन में है. 
  2. इसके तहत 13 अप्रैल, 2017 को जारी दिशानिर्देश पूर्व की रूपरेखा का ही संशोधित संस्करण हैं.
  3. सरकार ने कहा कि हमारी योजना तो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करने की है.

रिजर्व बैंक ने बयान में कहा कि सोशल मीडिया सहित मीडिया के एक वर्ग में कुछ भ्रामक सूचनाएं चल रही हैं कि पीसीए के तहत डाले जाने की वजह से कुछ सरकारी बैंकों को बंद किया जा सकता है. सरकार ने भी इन अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि हमारी योजना तो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करने की है.

वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘किसी भी बैंक को बंद करने का सवाल नहीं उठता. सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत कर रही है. उनमें 2.11 लाख करोड़ रुपये की पूंजी डालने की योजना है. अफवाहों पर विश्वास नहीं करें. सरकारी बैंकों के लिए पुनर्पूंजीकरण, सुधार की रूपरेखा पटरी पर है.’’ वहीं रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि पीसीए रूपरेखा का मकसद बैंकों के आम जनता के लिए कामकाज में बाधक बनना नहीं है. केंद्रीय बैंक ने जून में भी इसी तरह का स्पष्टीकरण दिया था.

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रिजर्व बैंक ने जोर देकर कहा कि पीसीए ढांचा दिसंबर, 2002 से परिचालन में है. इसके तहत 13 अप्रैल, 2017 को जारी दिशानिर्देश पूर्व की रूपरेखा का ही संशोधित संस्करण हैं. बैंक ऑफ इंडिया के अलावा रिजर्व बैंक ने सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य बैंकों आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूको बैंक के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई शुरू की है.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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