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नई दिल्ली : रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर सुधार के बावजूद सार्वजनिक (पीएसयू) बैंकों के समक्ष चुनौतियां बनी रही हैं।
फिच रेटिंग्स ने ‘ इंडियन बैंक रिपोर्ट कार्ड वित्त वर्ष 2015’ में यह निष्कर्ष निकाला है। इसके अनुसार,‘ आस्ति गुणवत्ता पर दबाव तथा कमजोर पूंजी के चलते मार्च 2015 में समाप्त वित्त वर्ष 2015 में भारत के सार्वजनिक बैंकों का निष्पादन चुनौतीपूर्ण बना रहा।’ इसके अनुसार वित्त वर्ष 2019 तक पूंजी जरूरतें हर साल बढने की संभावना है वहीं आय में अल्पकालिक स्तर पर सार्थक सुधार के कुछ संकेत हैं।
रपट के अनुसार,‘ व्यापक आर्थिक मोर्चे पर क्रमिक सुधार के बावजूद कमजोर ऋण मांग के चलते वित्त वर्ष 2015 भारतीय बैंकों के लिए कठिन साल रहा। विशेषकर सार्वजनिक बैंकों के समक्ष आस्ति गुणवत्ता दबाव, लाभप्रदता में गिरावट तथा कमजोर पूंजीकरण जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं।’