प्राकृतिक गैस की आवंटन नीति में होगा बदलाव
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प्राकृतिक गैस की आवंटन नीति में होगा बदलाव

प्राकृतिक गैस आवंटन नीति में बड़े बदलाव के तहत सरकार घरेलू गैस का आवंटन करते समय सीएनजी तथा पाइपशुदा रसोई गैस की आपूर्ति करने वाली फर्मों को शीर्ष प्राथमिकता देगी।

नई दिल्ली : प्राकृतिक गैस आवंटन नीति में बड़े बदलाव के तहत सरकार घरेलू गैस का आवंटन करते समय सीएनजी तथा पाइपशुदा रसोई गैस की आपूर्ति करने वाली फर्मों को शीर्ष प्राथमिकता देगी।

फिलहाल घरेलू स्तर पर उत्पादित गैस पर यूरिया उत्पादन करने वाले कारखानों का पहला अधिकार रहता है। इसके बाद तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलपीजी) कारखानों तथा बिजलीघरों का नंबर आता है। मौजूदा व्यवस्था में वाहनों को सीएनजी तथा घरों को पाइप से रसोई गैस (पीएनजी) की आपूर्ति करने वाली सिटी गैस वितरण (सीजीडी) परियोजनाएं चौथे नंबर पर आती है।

जानकार सूत्रों ने बताया कि पेट्रोलियम मंत्रालय इस व्यवस्था में बदलाव करते हुए सीजीडी फर्मों को शीर्ष प्राथमिकता देने के लिए कैबिनेट से संपर्क करेगी। प्रस्तावित व्यवस्था में इसके बाद परमाणु ऊर्जा व अंतरिक्ष अनुसंधान जैसे रणनीतिक क्षेत्रों को कच्चा माल उपलब्ध कराने वाले संयंत्र आएंगे।

इसके बाद 15 लाख घन मीटर प्रतिदिन तक गैस आपूर्ति पीजी तथा पेट्रोकेमिकल्स जैसे उच्च हाइड्रोकार्बंस निकालने को आवंटित की जाएगी। सूची में चौथे स्थान पर गैस आधारित यूरिया संयंत्र आएंगे। इसके बाद विद्युत संयंत्रों का नंबर आएगा जो कि इस शर्त को पूरा करेंगे कि आवंटित गैस से तैयार की जाने वाली पूरी बिजली को तय किये गये नियमित शुल्क पर ही बेचना होगा।

इसके अलावा मंत्रालय ने प्राथमिकता व गैर प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की परिभाषा को भी स्पष्ट करने का प्रस्ताव किया है। प्राथमिक क्षेत्र में शहरी गैस वितरण कंपनियां, रणनीतिक क्षेत्रों को कच्चा माल उपलब्ध कराने वाले संयंत्र, गैस से चलने वाले यूरिया संयंत्र, बिजली घर और गैस आधारित आईपीजी संयंत्र शामिल हैं। इनके बाहर के सभी क्षेत्र गैर-प्राथमिक श्रेणी में आयेंगे।

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