मंदाकिनी, मेराल कोयला खानें बिकी, राज्यों को मिलेंगे 19,633 करोड़
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मंदाकिनी, मेराल कोयला खानें बिकी, राज्यों को मिलेंगे 19,633 करोड़

लगभग आठ घंटे चली टक्कर की बोली में मंदाकिनी एक्सप्लोरेशन एंड माइनिंग ने ओडिशा की मंदाकिनी खान हासिल की जबकि झारखंड की मेराल खान त्रिमूला इंडस्ट्रीज को गई। इससे राज्यों को 19,633 करोड़ रपये मिलने का अनुमान है। केवल मंदाकिनी खान से ही 18,712 करोड़ रुपये का योगदान मिलेगा।

नई दिल्ली : लगभग आठ घंटे चली टक्कर की बोली में मंदाकिनी एक्सप्लोरेशन एंड माइनिंग ने ओडिशा की मंदाकिनी खान हासिल की जबकि झारखंड की मेराल खान त्रिमूला इंडस्ट्रीज को गई। इससे राज्यों को 19,633 करोड़ रपये मिलने का अनुमान है। केवल मंदाकिनी खान से ही 18,712 करोड़ रुपये का योगदान मिलेगा।

कोयला सचिव अनिल स्वरूप ने ट्वीट किया, ‘मंदाकिनी एक्सप्लोरेशन की बोली सबसे उंची रही।’ मोनेट इस्पात के एक प्रवक्ता के अनुसार मंदाकिनी एक्सप्लोरेशन, मोनेट व जिंदल फोटो के बीच संयुक्त उद्यम है। अधिकारियों के अनुसार बोली 650 रुपये प्रति टन पर बंद हुई।

मंदाकिनी ब्लॉक के लिए बोली सुबह 11 बजे एक रुपये से शुरू हुई और शाम 7.35 बजे तक चली। सबसे ऊंची बोली 650 रुपये प्रति टन लगी। यह खान बिजली क्षेत्र के लिये है। इसमें सबसे ज्यादा 28 करोड 79 लाख टन निकालने योग्य कोयला भंडार होने का अनुमान है। खान के लिये नीलामी उल्टी बोली के अनुरूप चली। मंदाकिनी कोयला खान इससे पहले मंदाकिनी कोल कंपनी को आवंटित थी जो कि मोनेट इस्पात की अगुवाई वाला संयुक्त उद्यम है जिसमें जिंदल फोटो लैब व टाटा पावर कंपनी शामिल है।

इससे पहले दिन में त्रिमूला इंडस्ट्रीज को झारखंड की मेराल खान मिली। कंपनी ने इसके लिए 727 रुपये प्रति टन की बोली लगाई। सरकार को 921 करोड़ रुपये मिलेंगे। कोयला सचिव अनिल स्वरूप ने ट्वीट किया,‘ मेराल कोयला खान की बोली 727 रुपये प्रति टन पर बंद हुई।’ त्रिमुला ने ईस्टर्न रेंज कोल माइनिंग प्रा. लि. और उषा मार्टिन लिमिटेड को बोली में पीछे कर इस खान को हासिल किया। कोयला नीलामी के दूसरे चरण में सरकार ने 15 ब्लाक रखे हैं जो कि उत्पादन के लिये तैयार वाली श्रेणी में हैं।

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