कोयला घोटाला: सीबीआई ने नायर, पूर्व प्रधानमंत्री के निजी सचिव से पूछताछ की
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कोयला घोटाला: सीबीआई ने नायर, पूर्व प्रधानमंत्री के निजी सचिव से पूछताछ की

सीबीआई ने एल्युमीनियम कंपनी हिंडाल्को को कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितताओं के संबंध में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के प्रधान सचिव टी के ए नायर तथा निजी सचिव बी वी आर सुब्रमणयम से पूछताछ की है।

नई दिल्ली : सीबीआई ने एल्युमीनियम कंपनी हिंडाल्को को कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितताओं के संबंध में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के प्रधान सचिव टी के ए नायर तथा निजी सचिव बी वी आर सुब्रमणयम से पूछताछ की है।

सीबीआई ने यह कार्रवाई विशेष सुनवाई अदालत के निर्देशों पर की है जिसने नायर से पूछताछ पर असंतोष व्यक्त किया था। अदालत ने जांच एजेंसी को तत्कालीन कोयला मंत्री सिंह का बयान भी लेने को कहा था। सिंह के पास संबंधित अवधि में कोयला मंत्रालय का प्रभार भी था।

सूत्रों के अनुसार एजेंसी ने नायर से इससे पहले एक प्रश्नावली के जरिए पूछताछ की थी। उनसे अब विशेष अदालत के 16 दिसंबर के फैसले के मद्देनजर पूछताछ की गई है। अदालत ने कहा था कि सीबीआई के लिए ‘उचित’ होगा कि वह उनसे फिर से पूछताछ करे।

सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने सुब्रमणयम से पहले पूछताछ नहीं की थी। अब उनसे इसलिए पूछताछ की गई क्योंकि अदालत ने टिप्पणी की थी कि हिंडाल्को को कोयला ब्लाक आवंटन प्रक्रिया से जुड़े प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के कुछ अधिकारियों से एजेंसी ने ‘या तो पूछताछ की ही नहीं की या उचित तरीके से पूछताछ नहीं की।’ एजेंसी ने अदालत के आदेश पर इस मामले में सिंह से भी पूछताछ की है।

सूत्रों ने कहा कि सिंह से पूछा गया कि क्या उन्होंने हिंडाल्को को कोयला ब्लाक के आवंटन के निर्णय में खुद हिस्सा लिया था और क्या उन्होंने व्यक्तिगत रूप से वह पत्रावली देखी थी। उनसे यह भी पूछा गया कि हिंडाल्को को आवंटन में फैसला बदला क्यों गया था।

सीबीआई ओड़िशा में हिंडाल्को को आवंटित की गई तालाबिरा-दो खान से सम्बंधित इस मामले में अदालत में 27 जनवरी को जांच की प्रगति रपट दाखिल करने वाली है। उस समय कोयला मंत्रालय का प्रभार भी मनमोहन सिंह के पास था। कोयला घोटाला मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत के न्यायाधीश भरत पराशर ने इस मामले में जांच बंद करने की सीबीआई की रिपोर्ट को अस्वीकार करते हुए जांच एजेंसी को झटका दिया था। अदालत ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए टिप्पणी की थी कि इस मामले के विभिन्न पहलुओं पर पहले तत्कालीन कोयला मंत्री (सिंह) से पूछताछ कर लेना ‘उचित’ होगा।

सीबीआई ने इससे पहले इस मामले में हिंडाल्को के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला, केंद्र सरकार में पूर्व कोयला सचिव पीसी पारख, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज और कुछ अज्ञात व्यक्तियों व अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) तथा भ्रष्टाचार निरोधक कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की थी।

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