दोषियों के कार्यों से कोयला नहीं निकाला जा सका, इससे देश को नुकसान: अदालत
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दोषियों के कार्यों से कोयला नहीं निकाला जा सका, इससे देश को नुकसान: अदालत

दोषियों के कार्यों से कोयला नहीं निकाला जा सका, इससे देश को नुकसान: अदालत (file photo)

नई दिल्लीः एक विशेष अदालत ने यहां कहा कि पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता समेत पांच दोषियों के ‘अनैतिक कार्यों’ से मध्य प्रदेश के एक कोयला ब्लाक से उत्खनन नहीं हो पाया जिससे देश को काफी नुकसान हुआ. विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने मध्य प्रदेश में कोयला ब्लाक के आबंटन में पूर्व नौकरशाह तथा लाभार्थी कंपनी कमल स्पांजी स्टील एंड पावर लि. तथा उसके प्रबंध निदेशक पवन कुमार अहलूवालिया समेत चार अन्य को अभियुक्त ठहराते हुए यह टिप्पणी की.

फैसले में कहा गया, ‘‘ऐसे महत्वपूर्ण कच्चे माल की उपलब्धता नहीं होने से वास्तव में देश को उच्च बुनियादी ढांचा : औद्योगिकी विकास हासिल करने की यात्रा में काफी नुकसान हुआ.’’ इसमें कहा गया है, ‘‘इस प्रकार, ऐसे अभियुक्तों के अनैतिक कार्यों से देश को नुकसान हुआ.’’

विशेष अदालत ने इस आधार पर नरमी बरते जाने की अर्जी को खारिज कर दिया कि किसी को भी कोई नुकसान नहीं हुआ क्योंकि आबंटित ब्लाक से थोड़ा भी कोयला नहीं निकला. अदालत ने कंपनी पर एक करोड़ रपये का जुर्माना लगाया जबकि अहलूवालिया को तीन साल की जेल की सजा सुनायी गयी. अदालत ने मध्य प्रदेश में थेसगोरा-बी रूद्रपुरी कोयला ब्लाक के आबंटन में गड़बड़ी को लेकर गुप्ता और दो वरिष्ठ अधिकारियों केएस क्रोफा तथा केसी समारियों को दो साल की जेल की सजा सुनायी.

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