रिजर्व बैंक के अधिकार को लेकर भ्रम संसद में दूर किया जाएगा: जेटली
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रिजर्व बैंक के अधिकार को लेकर भ्रम संसद में दूर किया जाएगा: जेटली

वित्त विधेयक के एक प्रावधान को लेकर रिजर्व बैंक के अधिकारों में कमी की आशंकाओं के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि ऐसे किसी प्रावधान पर चर्चा संसद में ही होगी। ऐसी आशंका है कि इस प्रावधान से रिण बाजार के विनियमन की आरबीआई की शक्ति कम हो सकती है।

रिजर्व बैंक के अधिकार को लेकर भ्रम संसद में दूर किया जाएगा: जेटली

मुंबई : वित्त विधेयक के एक प्रावधान को लेकर रिजर्व बैंक के अधिकारों में कमी की आशंकाओं के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि ऐसे किसी प्रावधान पर चर्चा संसद में ही होगी। ऐसी आशंका है कि इस प्रावधान से रिण बाजार के विनियमन की आरबीआई की शक्ति कम हो सकती है।

जेटली ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मैं इसके (इस प्रावधान के) बारे में (संसद के) बाहर चर्चा नहीं करना चाहता। यदि वित्त विधेयक को लेकर कोई भ्रम है तो हम इस पर संसद में चर्चा करेंगे।’ वह वित्त विधेयक में उल्लेखित संबंधित प्रावधान के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे। वित्त मंत्री नेशनल स्टाक एक्सचेंज में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के साथ बैठक के सिलसिले में यहां आये हुए थे।

उन्होंने इस मुद्दे पर विस्तार से कोई बात नहीं की और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों :एफपीआई: पर कर के प्रावधानों से संबंधित सवालों को भी टाल दिया।

गौरतलब है कि वित्त मंत्री के बजट भाषण में ऋण बाजार के विनियमन के बारे में रिजर्व बैंक के अधिकार को लेकर कोई सीधा उल्लेख नहीं था। लेकिन कहा जा रहा है कि वित्त विधेयक के संबंधित प्रावधानों से रिण बाजार के नियमन का अधिकार रिजर्व बैंक से हटकर पूंजी बाजार नियामक सेबी के पास चला जाएगा।

रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने इस मुद्दे पर कहा था, ‘वित्त विधेयक में कुछ उपबंध ऐसे हैं जिनमें इसका जिक्र है लेकिन वित्त मंत्री के बजट भाषण में इस संबंध में कोई जिक्र नहीं किया गया। बजट भाषण में सामान्य तौर पर सरकार द्वारा उठाये जाने वाले महत्वपूर्ण कदमों का उल्लेख होता है। मुझे इसको लेकर कोई चिंता नहीं है।’

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