WTO को वर्तमान व्यापारिक चुनौतियों के प्रति अधिक जवाबदेह बनाने पर सहमति
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WTO को वर्तमान व्यापारिक चुनौतियों के प्रति अधिक जवाबदेह बनाने पर सहमति

डब्ल्यूटीओ में सुधार के लिए विस्तृत चर्चा जेनेवा में आगामी नवंबर में होगी, जहां इसका मुख्यालय है.

(प्रतीकात्मक फोटो)

मारडेल प्लेटा: जी-20 देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में सुधार की पहल करने पर शुक्रवार को सहमति जताई. अर्जेटीना के विदेश मंत्री जॉर्ज फौरी ने मारडेल प्लेटा में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "यह स्पष्ट हो गया है कि हम सबने विचार किया कि इस प्रस्ताव का मसौदा तैयार करना बहुत जरूरी हो गया है, ताकि डब्ल्यूटीओ वर्तमान व्यापारिक चुनौतियों के प्रति अधिक जवाबदेह बन सके."

  1. जी-20 विश्व के सकल घरेलू उत्पाद के 85 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है
  2. अर्जेटीना के विदेश मंत्री ने कहा, इस प्रस्ताव का मसौदा तैयार करना बहुत जरूरी 
  3. कई महीनों से कई देश डब्ल्यूटीओ के सुधार पर चर्चा शुरू करने पर जोर दे रहे थे

समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, डब्ल्यूटीओ में सुधार के लिए विस्तृत चर्चा जेनेवा में आगामी नवंबर में होगी, जहां इसका मुख्यालय है. तटीय शहर में जी-20 देशों की मंत्रीस्तरीय बैठक के बाद फौरी ने कहा, "हम सभी इस बात पर सहमत हैं कि हम अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को एक सुव्यवस्थित करने के लिए नियम बना सकें."

उन्होंने कहा, "प्रत्येक व्यक्ति व्यापारिक चुनौतियों का सामना करने के लिए डब्ल्यूटीओ का संचालन बेहतर करने के लिए वार्ता शुरू करने पर सहमत था." यह बैठक अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीमा शुल्क बढ़ाने से वैश्विक व्यापार युद्ध बढ़ने के खतरों के बीच हुई.

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बैठक में अमेरिका के उप व्यापार प्रतिनिधि डेनिस शीया, चीन के उप व्यापार मंत्री वांग शौवेन, यूरोपीय संघ (ईयू) व्यापार आयुक्त सेसीलिया मैमस्ट्रॉम और डब्ल्यूटीओ के महानिदेशक रॉबर्ट एजेवेडो शामिल हुए. अन्य देशों के साथ-साथ चीन और ईयू कई महीनों से डब्ल्यूटीओ के सुधार पर चर्चा शुरू करने पर जोर दे रहे थे, ताकि अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक और आर्थिक प्रणाली में अव्यवस्था न पैदा हो सके. जी-20 देशों के प्रमुख नवंबर के अंत में ब्यूनस आयर्स में एक बैठक में शामिल होंगे.

क्या है जी-20 
20 सदस्यों का समूह जी-20 एक अंतर्राष्ट्रीय मंच है जो दुनिया के 20 प्रमुख औद्योगिक और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाता है. जी-20 विश्व के सकल घरेलू उत्पाद के 85 प्रतिशत और कुल आबादी के दो तिहाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है. जी-20 का गठन वर्ष 1999 में हुआ था. तब यह केवल सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गर्वनरों का संगठन था. पहला जी20 शिखर सम्मेलन बर्लिन में दिसंबर 1999 में हुआ.जी-20 में शामिल देश- अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, फ़्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ़्रीका, कोरिया, तुर्की, युनाइटेड किंगडम, अमरीका और यूरोपीय संघ हैं.

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