त्यौहारी मौसम में रिकॉर्ड तोड़ ऑनलाइन शॉपिंग की संभावना : एसोचैम
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त्यौहारी मौसम में रिकॉर्ड तोड़ ऑनलाइन शॉपिंग की संभावना : एसोचैम

अक्तूबर से शुरू हो रहे त्यौहारी मौसम में ई-कॉमर्स कंपनियों की चांदी होने वाली है। उद्योग मण्डल ‘एसोचैम’ के एक ताजा अध्ययन के मुताबिक दशहरा, धनतेरस और दीपावली के दौरान रिकॉर्ड तोड़ ऑनलाइन शॉपिंग होने की संभावना है।

लखनऊ : अक्तूबर से शुरू हो रहे त्यौहारी मौसम में ई-कॉमर्स कंपनियों की चांदी होने वाली है। उद्योग मण्डल ‘एसोचैम’ के एक ताजा अध्ययन के मुताबिक दशहरा, धनतेरस और दीपावली के दौरान रिकॉर्ड तोड़ ऑनलाइन शॉपिंग होने की संभावना है।

द एसोसिएटेड चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री ऑफ इण्डिया (एसोचैम) के महासचिव डी.एस. रावत ने अध्ययन के हवाले से बताया कि आने वाले त्यौहारों के दौरान देश में ऑनलाइन शॉपिंग का कारोबार 25 हजार करोड़ के स्तर को छू सकता है, जो खुद में एक रिकॉर्ड होगा। रावत ने बताया कि अध्ययन के अनुसार आगामी त्यौहारी सत्र ई-कॉमर्स कंपनियों के लिये अब तक का सबसे व्यस्त सत्र होने की उम्मीद है। इस दौरान यह कारोबार पिछले सत्र के 20 हजार करोड़ से बढ़कर 25 हजार करोड़ होने की संभावना है।

उन्होंने बताया कि पितृपक्ष के दौरान ज्यादातर लोगों ने कोई नयी चीज खरीदने से परहेज किया था, लिहाजा अब त्यौहार नजदीक आने के मद्देनजर संभावना है कि वे दिल खोलकर खरीदारी करेंगे। ई-कॉमर्स कंपनियों को इसका बड़ा फायदा मिल सकता है। रावत ने बताया कि एसोचैम ने पिछले एक पखवाड़े के दौरान लखनऊ, अहमदाबाद, बेंगलुरू, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कोलकाता तथा मुंबई जैसे प्रमुख शहरों में लोगों से बात करके आगामी त्यौहारी सत्र में ऑनलाइन शॉपिंग को लेकर उनकी योजनाओं के बारे में जानकारी एकत्र की थी।

उन्होंने बताया कि करीब 60 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि उनका खरीदारी करने का पूरा इरादा है और वे दुकानों और शोरूम में जाने के बजाय ऑनलाइन शॉपिंग करना ज्यादा पसंद करेंगे।

अध्ययन में शामिल किये गये ज्यादातर लोगों ने बताया कि खरीदारी में आसानी, अनेक विकल्पों की उपलब्धता, भुगतान के विभिन्न तरीकों, बेहतर ऑफर तथा ऐसे ही कई अन्य कारणों से वे ऑनलाइन शॉपिंग को बेहतर मानते हैं। एसोचैम महासचिव रावत ने बताया कि रिकॉर्ड संख्या में ऑर्डर मिलने की संभावना के मद्देनजर ई-कॉमर्स कंपनियों ने भी लुभावने मौकों की झड़ी लगा दी है। इनमें बड़ी छूट, कैशबैक योजना, मुफ्त शिपिंग और बगैर ब्याज के ईएमआई शामिल है।

एसोचैम ने अपने अध्ययन के दौरान शोध, विश्लेषण तथा डिजिटल इंटेलिजेंस सेवाओं के विशेषज्ञों से भी राय ली थी। उनका कहना था कि ई-कॉमर्स कंपनियों को अतीत से सबक लेते हुए ग्राहकों की बाढ़ के लिये तैयार रहना होगा। इसके लिये समय पर सुपुर्दगी सुनिश्चित करने के साथ-साथ एक के बजाय दूसरा सामान भेजने से बचना होगा, वरना त्यौहारी सत्र उनके लिये बदनामी का सबब भी बन सकता है।

रावत ने बताया कि लखनउ के सभी 250 उत्तरदाताओं ने कर सम्बन्धी समस्याओं के कारण लखनउ और आसपास के जिलों में खासकर लोकप्रिय मोबाइल फोन, कुछ अन्य इलेक्ट्रानिक्स सामान और फर्नीचर की सुपुर्दगी अक्सर अनुपलब्ध होने पर नाखुशी जाहिर की और कहा कि सरकार को कर सम्बन्धी मसलों को सुलझाना चाहिये।

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