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नयी दिल्ली: भारत में अप्रैल 2000 से सितंबर, 2016 तक 300 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आया है। इससे पता चलता है कि भारत वैश्विक आर्थिक संकट के बीच सुरक्षित निवेश गंतव्य के रूप में उभरा है।
इसमें से करीब 33% एफडीआई भारत में मॉरीशस के रास्ते आया है। इसके पीछे अहम कारण भारत का मॉरीशस के साथ दोहरा कराधान बचाव करार होने का फायदा उठाना हो सकता है। अप्रैल 2000 से सितंबर 2016 के बीच भारत में मॉरीशस के रास्ते 101.76 अरब डॉलर का एफडीआई आया है। इस अवधि में कुल एफडीआई 310.26 अरब डॉलर हुआ है।
औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) देश में 21.62 अरब डॉलर का एफडीआई हुआ है।