मनमोहन सिंह बोले, नोटबैन और जीएसटी से लगा जीडीपी को दोहरा झटका
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मनमोहन सिंह बोले, नोटबैन और जीएसटी से लगा जीडीपी को दोहरा झटका

मनमोहन सिंह ने पहले कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था केवल 'एक इंजन' पर चल रही है और वह है सार्वजनिक खर्च.

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: नोटबंदी और जीएसटी दोनों ने भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसटी) की वृद्धि दर को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार (18 सितंबर) को यह बातें कही. मनमोहन सिंह ने पहले कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था केवल 'एक इंजन' पर चल रही है और वह है सार्वजनिक खर्च. उन्होंने सोमवार को सीएनबीसी-टीवी 18 से कहा, "नोटबंदी और जीडीपी दोनों को भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है." उन्होंने कहा, "दोनों ने असंगठित क्षेत्र, छोटे पैमाने पर व्यापार के क्षेत्र को प्रभावित किया है, जिसका जीडीपी में 40 फीसदी योगदान है और 90 फीसदी से अधिक रोजगार असंगठित क्षेत्र में ही है."

उन्होंने कहा, "ऐसे में जब 86 फीसदी नोट को प्रचलन से बाहर कर दिया जाए और ऊपर से जीएसटी लगा दिया जाए, जिसे जल्दीबाजी में लागू किया गया है. तो आने वाले दिनों में जीएसटी पर और ज्यादा प्रतिकूल प्रभाव की संभावना है." भारतीय रिजर्व बैंक को पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने इस महीने की शुरुआत में अनुमान लगाया था कि नोटबंदी से देश की जीडीपी 1 से 2 फीसदी तक घट जाएगी, जो लगभग 2 लाख करोड़ रुपये है. 

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गिनाए नोटबंदी के 3 फायदे

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार (18 सितंबर) को कहा कि नोटबंदी की सफलता का वास्तविक पैमाना डिजिटल लेनदेन की मात्रा में बढ़ोतरी, कर दायरे का बढ़ना और उच्च मूल्य के नोटों के परिचालन में कमी आना है. रिजर्व बैंक ने कुछ दिन पहले यह खुलासा किया था कि नोटबंदी के बाद 99 प्रतिशत प्रतिबंधित नोट बैंकों में वापस आ गए, जिसके बाद केंद्र सरकार द्वारा नवंबर, 2016 में लिए गए इस फैसले पर विपक्ष को हमले का मौका मिल गया था. जेटली ने गूगल के नए डिजिटल भुगतान एप 'तेज' को लांच करते हुए यहां कहा, "कुछ जमात में समझ की कमी है और वह नोटबंदी की सफलता केवल इससे मापते हैं कि कितना नोट बैंकों में पहुंचा."

जेटली ने कहा, "मेरे पास नोटबंदी की सफलता को मापने के तीन पैमाने हैं. पहला, हम एक समय में आरबीआई द्वारा छापे गए नोटों के परिचालन को कितना कम कर पाए. मात्रा के हिसाब से ऊंचे मूल्य वाले नोटों का परिचालन पहले ही कम हो गया है. दूसरा, नोटबंदी के प्रभाव के बाद हम कर दायरे में कितने लोगों को ला पाए या इसका विस्तार कर पाए. तीसरा पैमाना डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना है." उन्होंने कहा कि ये तीनों नोटबंदी की सफलता के पैमाने हैं, जो दोनों मध्यम और लंबे समय के लिए सकारात्मक रूप से फायदेमंद होंगे.

जेटली ने कहा, "अधिकांश लोग आज के समय में सरलता की वजह से डिजिटल भुगतान का प्रयोग करते हैं न कि दबाव की वजह से. इस संबंध में हमलोगों ने ऊंचाई प्राप्त कर ली थी, लेकिन उसके बाद हम थोड़ा फिसले और अब हम दोबार आगे बढ़ रहे हैं." उन्होंने कहा कि उन्नत प्रोद्यौगिकी की मदद से गूगल का एप मौद्रिक लेनदेन के लिए सबसे आसान साधन है.

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