ट्रंप ने इशारों में चीन को चेताया, व्यापार क्षेत्र में 'दुरुपयोग' पर आंख नहीं मूंदेगा अमेरिका
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ट्रंप ने इशारों में चीन को चेताया, व्यापार क्षेत्र में 'दुरुपयोग' पर आंख नहीं मूंदेगा अमेरिका

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह द्विपक्षीय व्यापार करार करने को तैयार हैं, बशर्तें ये पारस्परिक और समानता वाले हों.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. (फाइल फोटो)

दनांग (वियतनाम): अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी एशिया यात्रा के दौरान बीजिंग से रवाना होने के कुछ घंटों बाद ही एक ऐसा बयान दिया है, जो सीधे तौर पर चीन को निशाना बनाने वाला है. उन्होंने व्यापार के लिए अपनाए जाने वाले तथाकथित अनुचित व्यवहार पर हमला बोलते हुए कहा कि इसकी वजह से अमेरिकियों की नौकरी जा रही है. इसके साथ ही उन्होंने चेताया कि अब अमेरिका ऐसे व्यवहार पर आंख मूंदकर नहीं बैठेगा.

ट्रंप ने वियतनाम में सालाना एशिया प्रशांत सहयोग सम्मेलन के मौके पर अलग से मुख्य कार्यकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के दिन से हम उचित और समानता के आधार पर प्रतिस्पर्धा करेंगे. उन्होंने कड़े शब्दों में कहा, ‘‘अब हम किसी भी स्थिति में अमेरिका का हक छीनने नहीं देंगे. मैं पहले अमेरिकियों को ही नौकरी दूंगा.’’

यह ट्रंप के बयानों में एक बड़ा बदलाव है. एक दिन पहले ही ट्रंप ने चीन के साथ दोस्ताना और संतुलित कारोबारी रिश्ते स्थापित करने के लिए अपनी सख्त भाषा को नरम किया था. यहां तटीय शहर दनांग में उपस्थित कार्यकारियों के समक्ष ट्रंप एक बार फिर से अपने पुराने अंदाज में लौटे. उन्होंने कहा कि वह द्विपक्षीय व्यापार करार करने को तैयार हैं, बशर्तें ये पारस्परिक और समानता वाले हों.

चीन का नाम लिए बिना ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन के सिद्धान्तों का पालन किया है. इससे यह हुआ कि कुछ देशों ने हमारा लाभ उठाया. उन देशों ने नियमों की अनदेखी करते हुए नुकसान पहुंचाने वाला व्यवहार अपनाया. उन्होंने उत्पादों की डंपिंग की, अपनी मुद्राओं की विनिमय दरों में गड़बड़ी की और अपनी वस्तुओं पर सब्सिडी दी.

एपेक में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, उत्तर कोरिया की 'फंतासियों' ने एशिया-प्रशांत को बंधक बनाया

वहीं दूसरी ओर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार (10 नवंबर) को कहा कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की परमाणु महत्वाकांक्षा और ‘फंतासियों’ ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र को बंधक बना दिया था. उन्होंने देशों का आह्वान किया कि उन्हें प्योंगयांग के खिलाफ एकजुट होना चाहिये. उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रम में कटौती के लिये क्षेत्रीय समर्थन जुटाने के उद्देश्य से ट्रंप एशियाई देशों की यात्रा पर हैं और उन्होंने कहा कि इस संकट से निपटने के लिये समय तेजी से खत्म हो रहा है.

ट्रंप ने वियतनाम में एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) के दौरान कहा, ‘इस क्षेत्र और इसके खूबसूरत लोगों के भविष्य को किसी तानाशाह की हिंसक विजय एवं परमाणु ब्लैकमेल की फंतासियों का बंधक नहीं बनाया जाना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को आवश्यक रूप से उत्तर कोरिया द्वारा ज्यादा हथियारों की दिशा में उठाया गया कोई भी कदम ज्यादा खतरे की तरफ लेकर जायेगा जिसके खिलाफ हमें साथ खड़े होना होगा.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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