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नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्लास्टिक मुद्रा (कार्ड) तथा चेक का इस्तेमाल अधिक से अधिक करने पर जोर देते हुए आज कहा कि इससे काले धन पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा ‘अर्थव्यवस्था में तेजी के मद्देनजर एक खाका तैयार किया गया है और खाका यह है कि लोग मुद्रा का उपयोग बंद करें और चेक या प्लास्टिक मुद्रा का रख करें।’ भारतीय प्रतिभूति मुद्रण एवं मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड (एसपीएमसीआईएल) के स्थापना दिवस पर यहां जेटली ने कहा कि अब जरूरत लोगों को रूपे कार्ड का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने को जागरूक करने की है। जहां तक भारत का सवाल है, तो यह उसके लिए पासा पलटने वाला साबित हो सकता है।
उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक लोगों को प्लास्टिक मनी मसलन क्रेडिट कार्ड, रूपे कार्ड और चेक के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इससे मुद्रा या बेहिसाबी धन का इस्तेमाल कम होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि अमेरिका या ब्रिटेन जैसे विकसित देशों में मुद्रा का अधिकतम मूल्य 100 डॉलर और 50 पौंड है।
उन्होंने कहा कि सरकार उंचे मूल्य के नकद में होने वाले हस्तांतरण को रोकने के लिए पहल कर रही है।
जेटली ने कहा, ‘कुछ पहल की घोषणा भी की गई है जिससे नकदी का उपयेाग थोड़ा मुश्किल होगा’ इससे गैर कानूनी धन के उपयोग पर नियंत्रण लगेगा। बजट 2015-16 में जेटली ने काले धन पर लगाम लगाने के लिए कुछ पहल की घोषणा की जिनमें जमीन-जायदाद और ऐसे ही अन्य सौदों में नकद लेन-देन को प्रोत्साहन नहीं देना शामिल है।
सरकार ने क्रेडिट और डेबिट कार्ड पर प्रोत्साहन देने और एक लाख रपए से अधिक की खरीद-बिक्री के लिए पैन का उल्लेख करना अनिवार्य बना दिया है। वित्त मंत्री ने अचल संपत्तियों की खरीद के लिए 20,000 रुपये या इससे अधिक नकद भुगतान अथवा प्राप्ति पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में आयकर कानून में भी संशोधन का भी प्रस्ताव किया है। जेटली ने एसपीएमसीआईएल की बैंक नोट तथा सिक्का उत्पादन और इन इकाइयों के आधुनिकीकरण के लिए पहलें की है।
एसपीएमसीआईएल मिनीरत्न केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम है और यह चौथा साल है जबकि कंपनी ने 20 प्रतिशत लाभांश दिया है। कंपनी ने 801.8 करोड़ बैंक नोट और 765 करोड़ सिक्कों का मुद्रण किया। कंपनी का कारोबार अब 3,798 करोड़ रुपए है।