सरकार ने ई-वे बिल के नियमों में किया बदलाव, ई-कॉमर्स कंपनियों को मिलेगी राहत
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सरकार ने ई-वे बिल के नियमों में किया बदलाव, ई-कॉमर्स कंपनियों को मिलेगी राहत

 50 किलोमीटर तक वस्तुओं की आवाजाही को लेकर वाहनों के ब्योरे की जरूरत नहीं होगी. 

 50,000 रुपये से अधिक मूल्य के वस्तुओं की ढुलाई के लिये इलेक्ट्रानिक वे या ई- वे बिल की जरूरत एक अप्रैल से होगी.(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: सरकार ने इलेक्ट्रानिक माध्यम से जारी होने वाले ई-वे बिल के मामले में नियमों में बदलाव किये हैं. इससे ई-वाणिज्य कंपनियों को वस्तुओं को लाने ले जाने तथा वस्तुओं के मूल्य के आकलन में आसानी होगी. सरकार ने ई-वे बिल के नियमों में बदलाव को अधिसूचित किया है. इसमें जाब वर्क का काम करने वाले भी वस्तुओं की आवाजाही के लिये इलेक्ट्रानिक रसीद निकाल सकते हैं.राज्यों के बीच 50,000 रुपये से अधिक मूल्य के वस्तुओं की ढुलाई के लिये इलेक्ट्रानिक वे या ई- वे बिल की जरूरत एक अप्रैल से होगी.

  1. सरकार ने ई-वे बिल के नियमों में बदलाव को अधिसूचित किया है
  2. 50 हजार रुपये या इससे ज्यादा के सामान पर लगेगा ई-वे बिल
  3. पहले 1 फरवरी से लागू किया जाना था, अब 1 अप्रैल से लागू होगा

रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने उन मामलों में उन्हें ई- वे बिल निकालने के उद्देश्य के लिये केवल कर योग्य आपूर्ति पर भी विचार की अनुमति दे दी है जहां बिक्री बिल में छूट और कर योग्य आपूर्ति वाली वस्तुएं दोनों शामिल हैं.

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इसका मतलब है कि अगर जीएसटी के अंतर्गत आने वाले खाद्य उत्पादों को अगर दूध जैसे कर से छूट वाले उत्पादों के साथ भेजा जाता है तब केवल खाद्य उत्पादों को ही ई- वे बिल के लिये विचार किया जाएगा.

परामर्श कंपनी पीडब्ल्यूसी के अनुसार इसके अलावा किसी राज्य विशेष में काम करने वाली छोटी कंपनियों की मदद के लिये इसमें कहा गया है कि 50 किलोमीटर तक वस्तुओं की आवाजाही को लेकर वाहनों के ब्योरे की जरूरत नहीं होगी. पहले यह सीमा 10 किलोमीटर थी. 

क्या है ई वे बिल
1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होने के बाद 50 हजार रुपये या इससे ज्यादा के सामान को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने या राज्य के अंदर ही 10 किमी या इससे ज्यादा दूर ले जाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक परमिट की जरूरत होगी. इस इलेक्ट्रॉनिक बिल को ही ई-वे बिल कहा जाता है.

यहां शुरू हुई सेवा
ई-वे बिल सेवा को चार राज्यों कर्नाटक, राजस्थान, उत्तराखंड और केरल में शुरू किया जा चुका है. इन राज्यों में हर दिन करीब 1.4 लाख ई-वे बिल प्रोड्यूस किए जा रहे हैं. ई-वे बिल प्राप्त करने के लिए ट्रांसपोर्टरों को (https://ewaybill2.nic.in) पर जाना होगा. यहां जीएसटीइन देकर रजिस्ट्रेशन करना होगा. जिनका जीएसटी के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है वे ई-वे बिल के लिए पैन या आधार देकर अपनाा नामांकन करा सकते हैं.

ऐसे बनेगा ई-वे बिल
ई-वे बिल जेनरेट करने के लिए कारोबारी को किसी भी टैक्स ऑफिस या चेक पोस्ट पर जाने की जरूरत नहीं होगी. ई-वे बिल वेबसाइट से या ऑफलाइन भी एसएमएस के जरिए जेनरेट किया जा सकता है. ऑफलाइन ई-वे बिल जेनरेट करने के लिए कारोबारियों को अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर करना होगा. इसी नबंर से एसएसएस के माध्यम से ई-वे बिल को रिक्वेस्ट डिटेल देकर जेनरेट किया जा सकता है.

इनपुट भाषा से भी 

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