EPF पर टैक्‍स लगाने का फैसला वापस ले सकती है केंद्र सरकार !
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EPF पर टैक्‍स लगाने का फैसला वापस ले सकती है केंद्र सरकार !

कर्मचारी भविष्‍य निधि (ईपीएफ) पर टैक्‍स लगाए जाने को लेकर चौतरफा विरोध शुरू होने के बाद केंद्र सरकार जल्‍द एक बड़ा फैसला ले सकती है। सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार ईपीएफ पर टैक्‍स लगाने का फैसला वापस ले सकती है। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी भी सामने आई है कि वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने इस संबंध में आखिरी फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर छोड़ दिया है। बताया जा रहा है कि ईपीएफ पर टैक्‍स लगाए जाने के फैसले से सरकारी कर्मचारी नाराज हैं।

EPF पर टैक्‍स लगाने का फैसला वापस ले सकती है केंद्र सरकार !

नई दिल्‍ली : कर्मचारी भविष्‍य निधि (ईपीएफ) पर टैक्‍स लगाए जाने को लेकर चौतरफा विरोध शुरू होने के बाद केंद्र सरकार जल्‍द एक बड़ा फैसला ले सकती है। सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार ईपीएफ पर टैक्‍स लगाने का फैसला वापस ले सकती है। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी भी सामने आई है कि वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने इस संबंध में आखिरी फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर छोड़ दिया है। बताया जा रहा है कि ईपीएफ पर टैक्‍स लगाए जाने के फैसले से सरकारी कर्मचारी नाराज हैं।

दूसरी ओर, वित्‍त मंत्री की ओर से पीएफ पर टैक्‍स लगाने के इस प्रावधान के बाद देश भर में इसका विरोध शुरू हो गया है। कर्मचारी यूनियन ने ईपीएफ पर नए टैक्‍स का जोरदार विरोध किया है। बता दें कि इस नए नियम से करीब 6 करोड़ कर्मचारी प्रभावित होंगे।  

गौर हो कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016-17 के बजट में ईपीएफ तथा अन्य योजनाओं में सभी स्तरों पर छूट की पुरानी व्यवस्था में बदलाव लाते हुए एक अप्रैल 2016 के बाद किये गये योगदान पर अंतिम निकासी के समय 60 प्रतिशत योगदान पर सेवानिवृत्ति कर लगाने का सोमवार को प्रस्ताव दिया।

 

इससे पहले, वेतनभोगी वर्ग की चिंता दूर करते हुए सरकार ने मंगलवार को कहा कि पीपीएफ निकासी पर कर नहीं लगेगा और बजट प्रस्तावों के तहत सिर्फ कर्मचारियों द्वारा एक अप्रैल के बाद कर्मचारी भविष्य निधि कोष (ईपीएफ) में किए गए योगदान पर जो ब्याज मिलेगा, वही कर के दायरे में होगा और जबकि मूल राशि पर छूट बरकरार रहेगी। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने आज कहा कि ईपीएफ निकासी के समय उसके 60 प्रतिशत हिस्से को कर के दायरे में लाने के प्रस्ताव से केवल 20 प्रतिशत ऐसे कर्मचारी ही कर के दबाव में आएंगे जो उच्च वेतन पाते हैं।

उन्होंने कहा कि एक अप्रैल 2016 के बाद भविष्य निधि में किए गए योगदान पर जो ब्याज जमा होगा, उस पर ही कर लगाने का प्रस्ताव किया गया है। अधिया ने कहा कि मूल राशि पर कर नहीं लगेगा और इसकी निकासी पर कर छूट बकरार रहेगी। हमने यह कहा है कि एक अप्रैल के बाद योजना पर जो ब्याज अर्जित होगा उसके 40 प्रतिशत पर कर नहीं लगेगा, शेष 60 प्रतिशत पर ही कर लगेगा। उन्होंने कहा कि यदि इस 60 प्रतिशत का निवेश भी पेंशन एन्विटी योजनाओं में कर दिया गया तो इस पर कर छूट होगी। सचिव ने कहा कि यह कोई राजस्व संग्रह का उपाय नहीं है। अधिया ने कहा, कि पीपीएफ के किसी हिस्से पर कर नहीं लगाया गया है और 1.5 लाख रपए तक की मौजूदा निवेश योजना पर कर छूट बरकरार रहेगी। पीपीएफ की निकासी कर दायरे से बाहर होगी।

गौर हो कि बजट में इस बार प्रावधान किया गया कि विभिन्न प्रकार की पेंशन योजनाओं पर समान कर व्यवहार के इरादे से बजट में एक अप्रैल 2016 के बाद कर्मचारियों के मान्यता प्राप्त भविष्य निधि तथा सेवानिवृत्ति कोष में जमा राशि में से 40 प्रतिशत तक की निकासी पर कोई कर नहीं लगेगा। इसमें कहा गया है कि एक अप्रैल 2016 या उसके बाद सेवानिवृत्ति योजनाओं में किये गये योगदान पर जमा राशि की निकासी 40 प्रतिशत के अलावा शेष पर कर लगेगा। धारा 80सीसीडी के मौजूदा प्रावधानों के तहत राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से निकासी राशि पर कर लगता है।

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