देश में 30 जून की आधी रात के बाद माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की नई व्यवस्था लागू कर दी जाएगी लेकिन पहले दो महीने तक कर रिटर्न को दाखिल करने के नियमों में थोड़ी ढील देने का फैसला किया गया है ताकि व्यापारियों को नयी प्रणाली को अपनाने में प्रारंभिक दिक्कतों से निबटने में सहूलियत हो सके।
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नई दिल्ली : देश में 30 जून की आधी रात के बाद माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की नई व्यवस्था लागू कर दी जाएगी लेकिन पहले दो महीने तक कर रिटर्न को दाखिल करने के नियमों में थोड़ी ढील देने का फैसला किया गया है ताकि व्यापारियों को नयी प्रणाली को अपनाने में प्रारंभिक दिक्कतों से निबटने में सहूलियत हो सके।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी को लागू करने के कार्यक्रम को कुछ और समय टालने की उद्योग एवं व्यापार जगत की मांग को नामंजूर करते हुए कहा कि अब इसके लिए सरकार के पास गुजाइंश नहीं बची है। उन्होंने देश को भरोसा दिलाया कि जीएसटी के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का बुनियादी ढांचा पूरी तरह जांचा-परखा जा चुका है और जीएसटी के लिए सारी प्रणालियां तैयार हैं।
जेटली ने कहा कि जीएसटी का क्रियान्यवन टालने की गुंजाइश नहीं है
जीएसटी परिषद की यहां बैठक के बाद वित्त मंत्री ने कहा, कई कंपनियों तथा व्यापारियों ने तैयारी की कमी के मुद्दे को उठाया था। पर, हमारे पास जीएसटी का क्रियान्यवन टालने की गुंजाइश नहीं है।' उन्होंने कहा कि जीएसटी को तीस जून की आधी रात को लागू कर दिया जाएगा।
जीएसटी परिषद की रविवार को हुई 17 वीं बैठक वातानुकूलित होटल परिचालकों को राहत देते हुए 7,500 रुपये तक के किराये वाले कमरों के बिल पर 18 प्रतिशत की दर से कर लगेगा और उससे अधिक के कक्ष के किरायों पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने का फैसला किया गया है। पहले 5000 रुपये से अधिक के एसी कमरों के बिल पर 28 फीसद की दर से कर लगाने का प्रावधान किया गया था।
2,500-7,500 रुपये तक के एसी कमरों पर 18 फीसद की दर से जीएसटी लगेगा
वित्त मंत्री ने बैठक के बाद ब्योरा देते हुए कहा कि 2,500-7,500 रुपये तक के एसी कमरों के बिल पर 18 फीसद की दर से जीएसटी लागू होगा।
परिषद ने लॉटरी पर कर की दो श्रेणी रखने का निर्णय किया है। सरकारी लॉटरी पर 12 प्रतिशत तथा सरकारों से अधिकृत लॉटर पर 28 प्रतिशत कर लगेगा। संशाधित नियमों के अनुसार जुलाई के लिये संशोधित रिटर्न फाइलिंग के तहत बिक्री का ब्योरा 10 अगस्त के बजाए अब पांच सितंबर तक दाखिल कराया जा सकता है। कंपनियों को अगस्त के अपने बिक्री इनवायस जीएसटी नेटवर्क पर 10 सितंबर के बजाए 20 सितंबर तक जमा करना होगा।