भारतीय अर्थव्यवस्था चौथी तिमाही में 7.5 प्रतिशत बढ़ी, चीन को पीछे छोड़ा
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भारतीय अर्थव्यवस्था चौथी तिमाही में 7.5 प्रतिशत बढ़ी, चीन को पीछे छोड़ा

भारत इस वर्ष जनवरी-मार्च तिमाही में 7.5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि हासिल कर चीन को पीछे छोड़ते हुये दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि यह निश्चित रूप से साबित करता है कि अर्थव्यवस्था सुधार की राह पर है। इससे पहले तीसरी तिमाही (अक्तूबर-दिसंबर) में आर्थिक वृद्धि 6.6 प्रतिशत थी। वर्ष 2014-15 में पूरे साल की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रही जबकि इससे पिछले साल यह 6.9 प्रतिशत थी।

भारतीय अर्थव्यवस्था चौथी तिमाही में 7.5 प्रतिशत बढ़ी, चीन को पीछे छोड़ा

नई दिल्ली : भारत इस वर्ष जनवरी-मार्च तिमाही में 7.5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि हासिल कर चीन को पीछे छोड़ते हुये दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि यह निश्चित रूप से साबित करता है कि अर्थव्यवस्था सुधार की राह पर है। इससे पहले तीसरी तिमाही (अक्तूबर-दिसंबर) में आर्थिक वृद्धि 6.6 प्रतिशत थी। वर्ष 2014-15 में पूरे साल की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रही जबकि इससे पिछले साल यह 6.9 प्रतिशत थी। इस दौरान विनिर्माण और सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर रहा।

जेटली ने कहा, ‘चौथी तिमाही का जीडीपी आंकड़ा हमें दिखाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था किस तरह बढ़ रही है। यह बिल्कुल साफ है कि हमारी अर्थव्यवस्था सुधार की राह पर है।’ वाणिज्य एवं उद्योग मंडलों ने आर्थिक वृद्धि में आये सुधार पर प्रसन्नता जाहिर की है लेकिन साथ ही कहा है कि निवेशकों की धारणा में सुधार और भारतीय अर्थव्यवस्था की वास्तविक क्षमता पाने के लिये जमीनी स्तर पर और प्रयास होने चाहिये। 

वित्त सचिव राजीव महर्षि ने कहा है कि विनिर्माण क्षेत्र में सुधार से पता चलता है कि रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। उद्योग मंडलों ने इस बीच ब्याज दरों में और कटौती की मांग की है। उन्होंने रिजर्व बैंक से कहा है कि 2 जून की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कटौती होनी चाहिये। ‘मुद्रास्फीति जो कि बड़ी चिंता बनी हुई थी अब उतार पर है। हमें उम्मीद है कि रिजर्व बैंक रेपो दर में 0.50 प्रतिशत तक कटौती करेगा।’ केन्द्रीय साख्यिकी संगठन (सीएसओ) ने इसके साथ ही पिछले वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों के आंकड़ों में भी संशोधन किया है। 

वित्त वर्ष 2014-15 की पहली तिमाही का आंकड़ा 6.5 प्रतिशत से सुधार कर 6.7 प्रतिशत, दूसरी तिमाही का 8.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.4 प्रतिशत और तीसरी तिमाही का आंकड़ा 7.5 से संशोधित कर 6.6 प्रतिशत कर दिया। केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) के आज जारी आंकड़ों में आर्थिक गतिविधियों को मापने की नई अवधारणा सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) के मुताबिक वर्ष 2014-15 में यह 7.2 प्रतिशत बढ़ा जबकि पिछले वर्ष इसमें 6.6 प्रतिशत वृद्धि हुई थी।

जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान जीवीए के मुताबिक आर्थिक वृद्धि 6.1 प्रतिशत रही। एक साल पहले इसी अवधि में यह 5.3 प्रतिशत रही थी। विनिर्माण क्षेख में वर्ष की आखिरी तिमाही में वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले इस क्षेत्र में यह 4.4 प्रतिशत थी। सेवा क्षेत्र में चौथी तिमाही में बेहतर वृद्धि रही।

हालांकि, कृषि और खनन तथा उत्खनन क्षेत्र में चौथी तिमाही के दौरान सुस्ती रही। चौथी तिमाही में कृषि उत्पादन में 1.4 प्रतिशत गिरावट रही जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में इसमें 4.4 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी।

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