आने वाले दो साल में 100 अरब डॉलर के FDI का लक्ष्य : सुरेश प्रभु
Advertisement

आने वाले दो साल में 100 अरब डॉलर के FDI का लक्ष्य : सुरेश प्रभु

केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि देश का अगले दो साल में 100 अरब डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्राप्त करने का लक्ष्य होगा. साथ ही जापान, दक्षिण कोरिया, चीन और रूस जैसे देशों के लिये विशेष औद्योगिक संकुल स्थापित किए जा रहे हैं.

आने वाले दो साल में 100 अरब डॉलर के FDI का लक्ष्य : सुरेश प्रभु

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि देश का अगले दो साल में 100 अरब डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्राप्त करने का लक्ष्य होगा. साथ ही जापान, दक्षिण कोरिया, चीन और रूस जैसे देशों के लिये विशेष औद्योगिक संकुल स्थापित किए जा रहे हैं. इन संकुलों में वहां की कंपनियां निवेश और परिचालन कर सकती हैं. वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय ने क्षेत्रों और देशों को चिन्हित किया है जहां से भारत में निवेश के लिये काफी अवसर हैं. प्रभु ने कहा, 'मैंने लक्ष्य दिया है. भारत में 100 अरब डॉलर का एफडीआई विभिन्न क्षेत्रों से आना चाहिए. यह एक साल में नहीं होगा. हमने कंपनियों, क्षेत्र तथा देशों को चिन्हित किया है और अब हम निवेशकों को आकर्षित करने के लिये बैठकें करने जा रहे हैं.'

विदेशी निवेशकों के लिये शीर्ष गंतव्य बना रहेगा
उन्होंने कहा कि भारत 2019 में विदेशी निवेशकों के लिये शीर्ष गंतव्य बना रहेगा और मंत्रालय सभी क्षेत्रवार मुद्दों को देखेगा जो विदेशी निवेश आकर्षित करने के रास्ते में आ सकते हैं. प्रभु ने कहा, 'हम जापान, दक्षिण कोरिया, चीन और रूस जैसे देशों के लिये औद्योगिक संकुल सृजित कर रहे हैं जहां वे निवेश और परिचालन कर सकते हैं.' उन्होंने कहा कि चीन, भारत में औद्योगिक पार्क स्थापित करने पर सहमत हो गया है और चीनी प्राधिकरणों से उन कंपनियों की सूची देने को कहा गया है जो भारत में कारखाना लगाने को इच्छुक हैं.

भारत की रैंकिंग 77वें स्थान पर आ गई
मंत्री ने कहा कि इसी प्रकार भारत को यूरोप और अमेरिका की उन कंपनियों का स्वागत करने में खुशी होगी जो अन्य देशों से निकलकर भारत में कारखाना लगाना चाहती हैं. प्रभु ने कहा, 'हमें भारत में उन्हें विशेष दर्जा देने में बहुत खुशी होगी.' सरकार ने एफडीआई आकर्षित करने के लिये नियमों को उदार बनाने तथा व्यापार माहौल को बेहतर बनाने के इरादे से इस साल कई कदम उठाये. विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रिपार्ट में भारत की रैंकिंग 130वें स्थान से कम होकर 77वें स्थान पर आ गई है.

इस साल की जनवरी में सरकार ने विदेशी एयरलाइंस को कर्ज में डूबी एयर इंडिया में 49 प्रतिशत तक निवेश की अनुमति दे दी. साथ ही एकल खुदरा ब्रांड, निर्माण तथा बिजली एक्सचेंज में निवेश के नियमों को सरल किया. चिकित्सा उपकरण तथा विदेशों से कोष प्राप्त करने वाली कंपनियों से संबद्ध आडिट कंपनियों के लिये भी नियमों को आसान बनाया गया. सरकार ने एकल खुदरा ब्रांड कारोबार में स्वत: मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी.

देश में कुल एफडीआई 2017-18 में 61.96 अरब डालर रहा जो 2016-17 में 60.22 अरब डालर था. चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जून के दौरान एफडीआई 16.86 अरब डालर रहा. विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को वैश्विक निवेश आकर्षित करने के लिये बुनियादी ढांचे को आधुनिक रूप देने तथा प्रक्रियाओं को सरल बनाने की जरूरत है.

Trending news