भारत, जर्मनी निवेश में तेजी लाने के लिये गठित करेंगे निकाय
Advertisement

भारत, जर्मनी निवेश में तेजी लाने के लिये गठित करेंगे निकाय

भारत और जर्मनी ने जर्मन कंपनियों के देश में निवेश में तेजी लाने तथा यहां कारोबार करने में उन्हें होने वाली बाधाओं को दूर करने के इरादे से एक अलग निकाय गठित करने के लिये आज एक समझौते पर हस्ताक्षर किये।

नयी दिल्ली : भारत और जर्मनी ने जर्मन कंपनियों के देश में निवेश में तेजी लाने तथा यहां कारोबार करने में उन्हें होने वाली बाधाओं को दूर करने के इरादे से एक अलग निकाय गठित करने के लिये आज एक समझौते पर हस्ताक्षर किये।

औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) सचिव अमिताभ कांत ने भारत-जर्मन गोलमेज बैठक में यहां कहा, हमने प्रस्तावों पर तेजी से अमल लाने के लिये समझौते किये हैं। इसके तहत भारत में जर्मन कंपनियों के समक्ष आने वाले सभी मुद्दों पर मासिक आधार पर नजर रखी जाएगी।

भारत में जर्मन दूतावास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि समझौते पर डीआईपीपी, वाणिज्य मंत्रालय तथा जर्मनी के आर्थिक एवं उर्जा मंत्रालयों ने हस्ताक्षर किये। इसके तहत एक अलग निकाय गठित किया जाएगा जो मार्च 2016 तक काम करने लगेगा। निकाय नियमित रूप से जर्मन कंपनियों के समक्ष आने वाली समस्याओं पर गौर कर उनके निवेश में तेजी लाएगा।

कांत ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय और जर्मन कंपनियों को साथ मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जर्मन कंपनियों के पास अनूठी विशेषज्ञता है जिसका भारत को निश्चित रूप से लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा, वृद्धि के लिये अवसर अभी शुरू हुए हैं। हम चाहेंगे कि जर्मन कंपनियों हमारे साथ गठजोड़ करे। मैंने जर्मन कंपनियों को यहां आने तथा विनिर्माण संयंत्र लगाने का न्यौता दिया।

भारत की यात्रा पर आयीं जर्मनी की चांसलर एजेंला मर्केल ने आज द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ यहां बातचीत की। जिन अन्य समझौते पर हस्ताक्षर किये गये, उसमें गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी (गिफ्ट सिटी), इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लि. (आईएल एंड एफएस) तथा सीमेन्स लि. के बीच सहमति पत्र पर दस्तखत शामिल हैं। यह समझौता गिफ्ट के लिये स्मार्ट मोबिलिटी सोल्यूशंस के विकास के लिये है।

इसके अलावा टाटा पावर कंपनी लि. तथा रोह्डे एंड श्वचवार्ज जीएमबीएस एंड कंपनी केजी के बीच समझौते हुए। साथ ही दो और समझौते हुए। इसमें एक समझौता ओपीजी समूह तथा आईबीसी सोलर एर्जी के बीच सौर पीवी परियोजनाओं के विकास एवं क्रियान्वयन करने के लिये किये गये। इसके अलावा सेमिकंडक्टर विनिर्माण के लिये इनफेनिओन टेक्नोलाजीज इंडिया प्राइवेट लि. तथा राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के बीच एक समझौते हुए।

एक अलग स्थान पर भारी उद्योग विभाग तथा जर्मनी के फ्रारहोफेर के बीच समझौते हुए। इसमें फ्रानहोफेर को प्रौद्योगिकी रिसोर्स पार्टनर बनाया गया है। समझौते का मकसद अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी के जरिये ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को गति देना है।

 

Trending news