निवेश के लिये आकर्षक जगह है भारत, अगले साल लागू हो सकता है जीएसटीः पीएम मोदी
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निवेश के लिये आकर्षक जगह है भारत, अगले साल लागू हो सकता है जीएसटीः पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मौजूदा वैश्विक नरमी के बीच भारत को निवेश के लिए आकर्षक जगह करार देते हुए मंगलवार को कहा कि यहां निवेश करने के मजबूत व्यापारिक मायने हैं। इसके साथ ही उन्होंने निवेशकों को सरल और विश्वसनीय कर प्रणाली और आईपीआर संरक्षण का आश्वासन दिया।

फाइल फोटो

बेंगलुरू: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मौजूदा वैश्विक नरमी के बीच भारत को निवेश के लिए आकर्षक जगह करार देते हुए मंगलवार को कहा कि यहां निवेश करने के मजबूत व्यापारिक मायने हैं। इसके साथ ही उन्होंने निवेशकों को सरल और विश्वसनीय कर प्रणाली और आईपीआर संरक्षण का आश्वासन दिया।

उन्होंने उम्मीद जताई कि जीएसटी अगले साल से लागू हो जाएगा। वे यहां भारत-जर्मनी शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उनके साथ मंच पर जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल भी मौजूद थीं। मर्केल तीन दिवसीय भारत यात्रा पर हैं। 

मोदी ने कहा, ‘हमने जीएसटी विधेयक संसद में पेश किया है। हमें इसके 2016 में लागू होने की उम्मीद है।’ अपनी सरकार द्वारा उठाए गए निर्णायक कदमों को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि वह कारोबार में दिवालियापन से संबंधित नई संहिता और कंपनी कानून न्यायाधिकरण बनाने पर काम कर रही है। 

उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि वास्तविक निवेशकों और ईमानदार करदाताओं के कर मामलों में त्वरित और उचित फैसले हों। सरकार ने निवेशकों की लंबे समय से लंबित चिंताओं को दूर करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं, जिनमें नियामकीय मंजूरी प्रक्रिया को तेज करना, औद्योगिक लाइसेंसों की वैधता अवधि में वृद्धि और अनेक रक्षा उत्पादों को लाइसेंस मुक्त करना शामिल है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमने स्पष्ट रूप से कहा है कि हम पिछली तारीख से काराधान का रास्ता नहीं अपनाएंगे और हमने एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों) पर न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) नहीं लगाकर अपनी इस प्रतिबद्धता को और मजबूती से साबित किया है। 

उन्होंने कहा, ‘इस तरह से केवल 15 महीनों में ही हमने वैश्विक कंपनियों की निगाह में भारत की साख को बहाल कर दिया है।’ सम्मेलन में दोनों देशों की जानी-मानी कंपनियों के शीर्ष प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिनमें भारत के सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के कई दिग्गज शामिल थे।

बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) पर मोदी ने कहा कि भारत सभी नवोन्मेषकों और उद्यमियों के आईपीआर की रक्षा करने को प्रतिबद्ध है और एक विस्तृत राष्ट्रीय आईपीआर नीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है जो प्रगतिशील और भविष्योन्मुखी होगी। 

मोदी ने कहा, ‘मैं कह सकता हूं कि बाहरी प्रतिभाओं, प्रौद्योगिकी और निवेश को स्वीकार करने के लिए भारत इससे पहले इतने अच्छे तरीके से कभी तैयार नहीं था। भारतीय अर्थव्यवस्था को उच्च वृद्धि दर की राह पर ले जाने के लिए जरूरी परिस्थितियां आज भी मौजूद हैं। 

उन्होंने कहा, 'इस समय भारत में आना अच्छी व्यावसायिक समझदारी है और मेक इन इंडिया उससे भी बेहतर समझदारी है। वैश्विक नरमी के समय, भारत निवेश के लिए आकर्षक स्थान प्रस्तुत करता है। हम भाग्यशाली हैं कि हम सही दिशा में जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने आगाह किया कि हम इसी से संतुष्ट हो कर बैठ नहीं सकते।’

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