विदेश में रह रहे भारतीयों ने देश में भेजे इतने पैसे कि चीन भी रह गया पीछे
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विदेश में रह रहे भारतीयों ने देश में भेजे इतने पैसे कि चीन भी रह गया पीछे

देश से बाहर रहने वाले नागरिकों द्वारा अपने देश में धन प्रेषित करने के मामले में भारत एक बार फिर अपनी नंबर वन की स्थिति बरकरार रख सकता है.

धन प्रेषित करने के मामले भारत नंबर-1! (प्रतीकात्मक तस्वीर)

वॉशिंगटन: देश से बाहर रहने वाले नागरिकों द्वारा अपने देश में धन प्रेषित करने के मामले में भारत एक बार फिर अपनी नंबर वन की स्थिति बरकरार रख सकता है. वर्ष 2017 में देश से बाहर रह रहे भारतीय समुदाय ने 65 अरब डॉलर स्वदेश भेजे हैं. इसकी जानकारी आज विश्व बैंक ने दी.

  1. धन प्रेषित करने के मामले भारत नंबर-1!
  2. स्वदेश भेजी 65 अरब डॉलर की राशि
  3. भारतीयों ने छोड़ा चीन को पीछे

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की सालाना बैठक से इतर वैश्विक ऋणदाता ने रिपोर्ट जारी कर कहा कि भेजा गया धन 3.9 प्रतिशत बढ़कर 596 अरब डॉलर हो जाने का अनुमान है.

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भारत के बाद सबसे ज्यादा धन प्राप्त करने वाले देशों में चीन (61 अरब डॉलर), फिलीपिंस (33 अरब डॉलर), मेक्सिको (31 अरब डॉलर) और नाइजीरिया (22 अरब डॉलर) हैं. हालांकि, अगर इसे जीडीपी के हिस्से के रूप में लिया जाये तो शीर्ष पांच प्राप्तकर्ता छोटे देश किर्गिज गणराज्य, हैती, तजाकिस्तान, नेपाल और लाइबेरिया हैं.

भारत का घटा विदेशी ऋण
भारत का विदेशी ऋण 13.1 अरब डॉलर यानी 2.7% घटकर 471.9 अरब डॉलर रह गया है. यह आंकड़ा मार्च 2017 तक का है. इसके पीछे प्रमुख वजह प्रवासी भारतीय जमा और वाणिज्यिक कर्ज उठाव में गिरावट आना है. आर्थिक मामलों के विभाग की एक रपट ‘भारत का विदेशी ऋण : वित्त वर्ष 2016-17 की स्थिति रपट’ में कहा गया है कि 2015-16 के मुकाबले 2016-17 में हालत बेहतर हुए हैं और ऋण प्रबंधन सीमाओं के तहत बना हुआ है.

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मार्च 2017 की समाप्ति पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और विदेशी ऋण का अनुपात घटकर 20.2% रह गया है जो मार्च 2016 की समाप्ति पर 23.5% था.

मार्च 2017 की समाप्ति पर दीर्घावधि विदेशी ऋण 383.9 अरब डालर रहा है जो पिछले साल के मुकाबले 4.4% कम है. समीक्षावधि में कुल विदेशी ऋण का 81.4% दीर्घावधि विदेशी ऋण है. इस अवधि में लघु अवधि विदेशी ऋण 5.5% बढ़कर 88 अरब डॉलर हो गया.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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