बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर भी हुई तेज, अप्रैल में 8.5 प्रतिशत रही
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बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर भी हुई तेज, अप्रैल में 8.5 प्रतिशत रही

देश में बुनियादी क्षेत्र के आठ उद्योगों में उत्साहजनक सुधार के संकेत के साथ इन उद्योगों ने अप्रैल में 8.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जो पिछले चार साल में सबसे तीव्र वृद्धि दर है। 

नई दिल्ली : देश में बुनियादी क्षेत्र के आठ उद्योगों में उत्साहजनक सुधार के संकेत के साथ इन उद्योगों ने अप्रैल में 8.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जो पिछले चार साल में सबसे तीव्र वृद्धि दर है। 

रिफाइनरी उत्पादों, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट तथा बिजली के उत्पादन में वृद्धि से बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर में यह सुधार हुआ है। इन उद्योगों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट तथा बिजली उत्पादन उद्योग शामिल है। इनका उत्पादन पिछले साल अप्रैल में 0.2 प्रतिशत गिरा था। इन उद्योगों की इस बार अप्रैल की वृद्धि इससे पिछले महीने के 6.4 प्रतिशत की वृद्धि से बेहतर है। यह बुनियादी उद्योगों के कारोबार में तेजी लौटने का संकेत है।

रेटिंग एजेंसी इक्रा ने बुनियादी उद्योग में इस तेजी के बावजूर इस बार अप्रैल में औद्योगिक वृद्धि दर अप्रैल 2015 के 3 प्रतिशत से कम ही रहेगा। इसका एक कारण तो तुलनात्मक आधार का प्रतिकूल होना है, दूसरे निर्यात में गिरावट का सिलसिला अभी जारी है। इक्रा ने एक बयान में कहा, ‘बुनियादी उद्योगों में मार्च के 6.4 प्रतिशत की तुलना में अप्रैल में वृद्धि दर का तेज होना उत्साहजनक है पर आंकड़ों की अलग अलग व्याख्या करने पर इसकी मजबूती को लेकर कुछ आशंकाएं हैं।’ 

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार रिफाइनरी उत्पादों के उत्पादन में 17.9 प्रतिशत का उछाल आया जबकि अप्रैल 2015 में इसमें 2.9 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।
उर्वरक, इस्पात, सीमेंट तथा बिजली के उत्पादन की वृद्धि दर आलोच्य महीने में सालाना आधार पर क्रमश: 7.8 प्रतिशत, 6.1 प्रतिशत, 4.4 प्रतिशत तथा 14.7 प्रतिशत रही। हालांकि कोयला, कच्चा तेल तथा प्राकृतिक गैस के उत्पादन में इस साल अप्रैल में गिरावट दर्ज की गयी।

कोयले के उत्पादन में 0.9 प्रतिशत, कच्चा तेल तथा प्राकृतिक गैस के उत्पादन में क्रमश: 2.3 प्रतिशत तथा 6.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी। वित्त वर्ष 2015-16 में आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 2.7 प्रतिशत रही जबकि 2014-15 में इनमें 4.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

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