महाराष्ट्र सरकार का किसानों को दिवाली गिफ्ट, कर्जमाफी के लिए 4000 करोड़ आवंटित
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महाराष्ट्र सरकार का किसानों को दिवाली गिफ्ट, कर्जमाफी के लिए 4000 करोड़ आवंटित

फडणवीस ने कहा कि कृषि से भी कमाई करने वाले सरकारी कर्मचारियों, विधायकों और आयकर भुगतान करने वालों को ही इस योजना से बाहर रखा गया है.

महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस एक खास कार्यक्रम में किसान को कर्ज माफी का प्रमाणपत्र देते हुए. (PTI/18 Oct, 2017)

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने 34 हजार करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफ करने के पहले चरण में चार हजार करोड़ रुपये आवंटित किये हैं. राज्य के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने बुधवार (18 अक्टूबर) को इसकी घोषणा की. फडणवीस ने कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के अपनी सरकार के प्रयासों को गिनाते हुए कहा कि पहले चरण में आठ लाख से अधिक किसानों को लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा, ‘‘हमने आज चार हजार करोड़ रुपये आवंटित किये हैं इसमें 3,200 करोड़ रुपये 4.62 लाख किसानों का ऋण माफ करने के लिए हैं. शेष 800 करोड़ रुपये का इस्तेमाल ऐसे 3.78 लाख किसानों को प्रोत्साहन देने में किया जाएगा जो समय पर ऋण का भुगतान करते हैं. उन्होंने कहा कि जून में घोषित योजना के तहत राशि आवंटित की गयी है और यह सतत प्रक्रिया होगी. उन्होंने कहा कि 15 नवंबर तक 75 से 80 प्रतिशत वितरण पूरा हो जाएगा.

  1. फडणवीस ने कहा कि 4000 करोड़ रुपये में 3,200 करोड़ रुपये 4.62 लाख किसानों का ऋण माफ करने के लिए है. 
  2. शेष 800 करोड़ रुपये का इस्तेमाल 3.78 लाख किसानों को प्रोत्साहन देने में किया जाएगा.
  3. फडणवीस ने कहा कि इससे पहले चरण में आठ लाख से अधिक किसानों को लाभ मिलेगा. 

फडणवीस ने कहा, ‘‘किसान काफी मुश्किलों से गुजर रहे हैं. हमने साल दर साल कृषि वृद्धि दर को नकारात्मक देखा है.’’ मुख्यमंत्री ने कर्जमाफी की राशि किसानों के खातों में वितरित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘2014 में सत्ता में आने के बाद हमने पहला निर्णय लिया कि हम अपना काम राहत एवं पुनर्वास तक सीमित नहीं रखेंगे. वह तो हमारा काम है ही.’’ उन्होंने आगे कहा कि 2011-12 में कृषि क्षेत्र में 21 हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ था जो करीब तीन गुना बढ़कर अब 63 हजार करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार की मुख्य योजनाएं जैसे जल युक्त शिवर (जल संरक्षण कार्यक्रम) ने कृषि क्षेत्र में 12 प्रतिशत तक की वृद्धि दर हासिल करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

राजस्थान में किसानों को उनकी जरुरतों के मुताबिक कर्ज देगा भूमि विकास बैंक

मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्ज माफी किसानों की दिक्कतों का एकमात्र निदान नहीं है. क्षेत्र के तय एवं टिकाऊ विकास के लिए अगले पांच साल तक सतत निवेश की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘‘हमारा काम संस्थागत ऋण प्रणाली से बाहर हो चुके किसानों को तंत्र में वापस लाना है ताकि वे महाजनों के जाल में न फंसे और वे वित्तीय संस्थानों से अधिक कर्ज लेने, उसका भुगतान करने और पैसे कमाने में सक्षम हो सकें.’’ उन्होंने इस मौके पर स्वीकार किया कि वह कर्जमाफी योजना से राज्य के बजट पर पड़ने वाले बोझ को लेकर घबरा गये थे. उन्होंने कहा, ‘‘जब बैंकों ने कहा कि कर्ज माफ करने के लिए 34 हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी, मैं घबरा गया था क्योंकि मुझे नहीं मालूम था कि सरकार कैसे इस बोझ को झेलेगी. मैंने वित्तमंत्री सुधीर भाऊ से बात की और उन्होंने बताया कि घोषणा पर अमल करें, उनका विभाग किसी तरह इसे व्यवस्थित कर लेगा, उन्होंने ऐसा किया भी.’’ 

फडणवीस ने योजना का लाभ उठाने के लिए फॉर्म ऑनलाइन भरने के प्रावधान पर विपक्ष की आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि ऐसा नहीं किया जाता है तब बैंक राशि का कुप्रबंधन कर सकते थे. उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने ऐसा नहीं करने पर अपने तरीके से पैसे बांटा होता और बैंकों एवं उनके मालिकों को ही फायदा होता. किसानों को मालूम है कि जो भी किया गया है वह उनके ही भले के लिए है.’’ फडणवीस ने कहा कि कृषि से भी कमाई करने वाले सरकारी कर्मचारियों, विधायकों और आयकर भुगतान करने वालों को ही इस योजना से बाहर रखा गया है.

उन्होंने कहा, ‘‘आज हमने 8.4 लाख लाभार्थियों की सूची ऑनलाइन अपलोड की है और जल्दी ही इसे बैंकों के पास भेज दिया जाएगा. एक ही बैंक खाते से बैंकों को सारे पैसे हस्तांतरित किये जाएंगे और बैंकों को कहा जाएगा कि वे सूची के आधार पर किसानों के खातों में राशि जमा करें. त्यौहारी मौसम के खत्म होते ही सोमवार (23 अक्टूबर) से इसे नियमित कर लिया जाएगा.’’ मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘‘कुछ अधूरे फॉर्म किसानों को वापस भेज दिये गये हैं. जैसे ही वे इसे पूरा कर लेंगे, हम उन्हें कर्जमाफी के लिए योग्य मान लेंगे. यह योजना तब तक बंद नहीं होगी जब तक हर योग्य किसान को इसका फायदा नहीं मिल जाता.’’ 

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