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नई दिल्ली: भारत में 2016-17 में मॉरीशस के रास्ते सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आया. इस मामले में मॉरीशस ने सिंगापुर को पीछे छोड़ा है.
औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के आंकड़ों के अनुसार 2016-17 में मॉरीशस से देश में 15.72 अरब डॉलर का एफडीआई आया, जबकि सिंगापुर से यह आंकड़ा 8.71 अरब डॉलर का रहा. वित्त वर्ष 2015-16 में सिंगापुर पहले स्थान पर रहा था. विशेषज्ञों का कहना है कि सिंगापुर से एफडीआई में गिरावट की मुख्य वजह धन को घुमाफिरा कर भारत लाने से अंकुश को कर संधि में संशोधन एक वजह हो सकती है. संशोधित संधि इस साल फरवरी में अस्तित्व में आई है.
मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवींद्र कुमार जगन्नाथ भारत यात्रा पर आए थे. उन्होंने कहा था कि भारत के साथ वृहद आर्थिक सहयोग करार पर बातचीत चल रही है जिससे द्विपक्षीय निवेश और व्यापार संबंधों को प्रोत्साहन मिलेगा. 2015-16 में सिंगापुर से 13.7 अरब डॉलर का एफडीआई आया था, जो 2006-07 के बाद से सिंगापुर के रास्ते आने वाला सबसे उंचा विदेशी निवेश है.