नासकॉम ने खारिज की भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर छंटनी की रिपोर्ट
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नासकॉम ने खारिज की भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर छंटनी की रिपोर्ट

उद्योग संगठन नासकॉम ने भारतीय आईटी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर छंटनी की आशंका को आज खारिज कर दिया और दावा किया कि अभी भी उद्योग शुद्ध रूप से अच्छी खासी संख्या में लोगों को रोजगार दे रहा है. सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियों के इस संगठन के अनुसार उद्योग शुद्ध रूप से हर साल 1.5 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दे रहा है.

विप्रो, इंफोसिस, कोग्नीजेंट और टेक महिंद्रा जैसी बड़ी आईटी कंपनियों ने सालाना प्रदर्शन समीक्षा शुरू की है.

नई दिल्ली: उद्योग संगठन नासकॉम ने भारतीय आईटी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर छंटनी की आशंका को आज खारिज कर दिया और दावा किया कि अभी भी उद्योग शुद्ध रूप से अच्छी खासी संख्या में लोगों को रोजगार दे रहा है. सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियों के इस संगठन के अनुसार उद्योग शुद्ध रूप से हर साल 1.5 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दे रहा है.

बड़े पैमाने पर छंटनी की रिपोर्ट को खारिज करते हुए नासकॉम ने कहा कि उद्योग में प्रदर्शन मूल्यांकन एक नियमित प्रक्रिया है और कार्यबल का पुनर्गठन उसी का हिस्सा है. उद्योग संगठन ने एक बयान में कहा, ‘कौशल और कार्यबल पुनर्गठन अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिये जरूरी है...’ उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ सप्ताह से क्षेत्र में छंटनी की खबरे सुर्खियां बन रही है.

विप्रो, इंफोसिस, कोग्नीजेंट और टेक महिंद्रा जैसी बड़ी आईटी कंपनियों ने सालाना प्रदर्शन समीक्षा शुरू की है. इस प्रक्रिया का मकसद खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को हटाना है. ऐसा अनुमान है कि हजारों कर्मचारियों को अगले कुछ सप्ताह में कंपनी से निकाला जा सकता है. यह सब ऐसे समय हो रहा है जब भारतीय आईटी कंपनियां अमेरिका, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में कड़े कामकाजी वीजा नियमों को लेकर चुनौतियों का सामना कर रही हैं.

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