नये आरबीआई गवर्नर की घोषणा जल्द, राजन के उत्तराधिकारी के चयन के लिए कोई सर्च कमेटी नहीं
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नये आरबीआई गवर्नर की घोषणा जल्द, राजन के उत्तराधिकारी के चयन के लिए कोई सर्च कमेटी नहीं

सरकार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नये गवर्नर के नाम की घोषणा पर्याप्त समय रहते करेगी और निवर्तमान गवर्नर रघुराम राजन के उत्तराधिकारी के चयन को लेकर कोई सर्च कमेटी नहीं बनायी जाएगी। यह जानकारी आज यहां एक आधिकारिक सूत्र ने दी।

नये आरबीआई गवर्नर की घोषणा जल्द, राजन के उत्तराधिकारी के चयन के लिए कोई सर्च कमेटी नहीं

नई दिल्ली: सरकार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नये गवर्नर के नाम की घोषणा पर्याप्त समय रहते करेगी और निवर्तमान गवर्नर रघुराम राजन के उत्तराधिकारी के चयन को लेकर कोई सर्च कमेटी नहीं बनायी जाएगी। यह जानकारी आज यहां एक आधिकारिक सूत्र ने दी।

सरकार में एक शीर्ष सूत्र ने कहा, ‘यह (नये गवर्नर की घोषणा) ठीक ठाक समय रहते कर दी जाएगी। हम नही चाहते कि अनावश्यक अटकलबाजी हो।’ इस सूत्र ने बताया कि नये गवर्नर के चयन की ‘प्रकिया पहले से ही शुरू की जा चुकी है।’ राजन का कार्यकाल आगामी 4 सितंबर को समाप्त होगा।

सूत्र ने कहा कि सरकार नये गवर्नर के चयन के लिए कोई खाज समिति नहीं बिठाएगी।गवर्नर राजन ने अपने खिलाफ राजनीतिक हमलों के बीच शनिवार को अप्रत्याशित ढंग से यह घोषणा कर दी कि वह अब दूसरा कार्यकाल नहीं चाहते।

उन्होंने कहा कि वह पुन: अध्ययन अध्यापन की अपनी पुरानी दुनिया में लौटना चाहते हैं। इसके साथ ही उनके कार्यकाल के विस्तार को लेकर अटकलबाजियों का बाजार शांत हो गया है।

राजन ने शनिवार को आरबीआई-कर्मियों के नाम एक संदेश में अपने निर्णय की घोषणा करते हुए कहा ‘पूरी तरह सोच विचार करने और सरकार के साथ परामर्श के बाद, मैं आप को बताना चाहता हूं कि 4 सितंबर 2016 को जब गवर्नर पद पर मेरा यह कार्यकाल पूरा हो जाएगा तो मैं पुन: अकादमिक दुनिया में लौट जाउंगा।’

इस घोषणा के तरंत बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फेसबुक पर अपनी एक टिप्पणी में राजन के ‘अच्छे कार्य’ की सराहना की और कहा कि वह उनके ‘निर्णय का सम्मान’ करते हैं।

राजन के जाने की बात स्पष्ट होने के बाद बाजारों में आज कारोबार का पहला दिन था। इस दौरान शुरू में रपये की विनिमय दर में तेज गिरावट दिखी थी और शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक भी नीचे खुले थे पर बाद में इनमें गिरावट काफी कम हो गयी थी। रेटिंग एजेंसी फिच और कुछ अन्य बाजार विशलेषकों के बयान तथा ब्रिटेन-ईयू संबंधों को लेकर बाजार में चिंता कुछ कम होने से बाजार में उत्साह लौट आया था।

 

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