रिजर्व बैंक से उसके महत्वपूर्ण अधिकार वापस लेने की मंशा नहीं: जेटली
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रिजर्व बैंक से उसके महत्वपूर्ण अधिकार वापस लेने की मंशा नहीं: जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि सरकार का रिजर्व बैंक के महत्वपूर्ण अधिकारों को वापस लेने की कोई मंशा नहीं है और बाँड बाजार के नियमन में केन्द्रीय बैंक की भूमिका पर स्पष्टीकरण संसद में वित्त विधेयक पर चर्चा के दौरान दिया जायेगा।

रिजर्व बैंक से उसके महत्वपूर्ण अधिकार वापस लेने की मंशा नहीं: जेटली

नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि सरकार का रिजर्व बैंक के महत्वपूर्ण अधिकारों को वापस लेने की कोई मंशा नहीं है और बाँड बाजार के नियमन में केन्द्रीय बैंक की भूमिका पर स्पष्टीकरण संसद में वित्त विधेयक पर चर्चा के दौरान दिया जायेगा।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश करते हुये 28 फरवरी को जेटली ने सरकारी बाँड में खरीद फरोख्त के नियमन का अधिकार रिजर्व बैंक से लेकर पूंजी बाजार नियामक सेबी को देने का प्रस्ताव किया।

जेटली ने कहा, ‘रिजर्व बैंक समय की कसौटी पर खरा उतरा संस्थान है इसलिये सरकार को उसकी काबलियत पर पूरा भरोसा है इसलिये उसकी किसी अहम् शक्ति को उससे वापस लेने का सवाल ही पैदा नहीं होता है।’ बजट में इस संबंध में किये गये प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने कहा कि नियमन पर रिजर्व बैंक की शक्तियों के बारे में स्पष्टीकरण वित्त विधेयक 2015 पर चर्चा के दौरान दिया जायेगा। विधेयक पर चर्चा 20 अप्रैल से संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू होने के दौरान होगी।

जेटली ने सीएनबीसी टीवी18 को बताया, ‘जो भी कदम उठाये जायेंगे वह रिजर्व बैंक के साथ सलाह मशविरा करके ही उठाये जायेंगे। रिजर्व बैंक गवर्नर मेरे साथ संपर्क में हैं।’ इससे पहले आज दिन में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एस.एस. मुदड़ा ने कहा कि सरकारी प्रतिभूतियों के जारी करने और नियमन का मौद्रिक नीति पर असर होगा।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मेरा मानना है कि रिजर्व बैंक गवर्नर ने इस बारे में बता दिया है और (सरकारी प्रतिभूतियों को जारी करने) के समय तथा सभी संबंधित मुद्दों की जांच परख की आवश्यकता है।’ मौजूदा नियमन प्रणाली में मौद्रिक बाजार पर रिजर्व बैंक का नियंत्रण है जबकि म्युचुअल फंड जो कि मुद्रा बाजार के प्रमुख कारोबारी है उनका नियमन सेबी करता है। वित्त विधेयक में इसमें बदलाव के लिये रिजर्व बैंक अधिनियम की धारा 45यू और 45डब्ल्यू में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है।

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