सोशल मीडिया पर भूलकर भी न कहिएगा कि कुरकुरे में प्लास्टिक है, बुरी तरह फंसेंगे
Advertisement

सोशल मीडिया पर भूलकर भी न कहिएगा कि कुरकुरे में प्लास्टिक है, बुरी तरह फंसेंगे

पेप्सी कंपनी ने फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और इंस्टाग्राम जैसे सोशल साइट्स के खिलाफ एक सिविल सूट फाइल करके इन कंपनियों से 2.1 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: क्या आपने कभी पेप्सी कंपनी के स्नैक्स 'कुरकुरे' में प्लास्टिक होने की बात सुनी या कही है? अगर सुनी है तो उसे अनसुना कर दीजिए और भूल कर भी ऐसी बात फेसबुक या ट्विटर पर न लिखिएगा. पेप्सी कंपनी ने इस बारे में अपने तेवर कड़े कर लिए हैं और अब ऐसी पोस्ट करने वाले लोगों को कानूनी नोटिस भेजे जा रहे हैं.

  1. पेप्सी कंपनी ने सोशल साइट्स के खिलाफ मुकदमा किया है. 
  2. पेप्सिको इंडिया ने 2.1 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है. 
  3. कंपनी के मुताबिक कुरकुरे ब्रांड को बदनाम किया गया. 

समाचार पत्र इकनॉमिक टाइम्स के अनुसार भारत में सैकड़ों सोशल मीडिया यूजर के एकाउंट डिटेल दिल्ली हाई कोर्ट में कानूनी कार्रवाई के लिए दिए गए हैं. दरअसल पेप्सी कंपनी ने फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और इंस्टाग्राम जैसे सोशल साइट्स के खिलाफ एक सिविल सूट फाइल किया है. पेप्सिको इंडिया ने सोशल मीडिया कंपनियों से 2.1 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है. कंपनी का कहना है कि इन साइट्स ने कुरकुरे ब्रांड के खिलाफ अपमानजनक और गुमराह करने वाली सामग्री को फैलाने की इजाजत दी. 

झूठे दावे 
हाई कोर्ट के आदेश के बाद फेसबुक और ट्विटर ने ऐसे पोस्ट करने वाले यूजर्स की पहचान करनी शुरू कर दी और उन्हें मैसेज भेजकर बताया कि उनके एकाउंट की डिटेल सिविल सूट के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में जमा कराई गई है. पेप्सी कंपनी का कहना है कि सोशल मीडिया में पोस्ट और वीडिया को जरिए ऐसे झूठे दावे किए गए हैं कि स्नैक्स में ज्वलनशील प्लास्टिक है और लोगों के लिए हानिकारक है.

पेप्सिको का कहना है कि यह जानने के बाद भी कि ये दावे झूठे और भ्रामक हैं, सोशल मीडिया कंपनियों ने इन वीडियो और पोस्ट को हटाने से मना कर दिया. इस कारण उसकी प्रतिष्ठा और साख को ठेस पहुंची. हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया कंपनियों से उन सभी एकाउंट की डिटेल सीलबंद लिफाफे में जमा करने के लिए कहा, जिन्होंने कुरकुरे के बारे में ऐसी पोस्ट की है. इसके साथ ही कोर्ट ने चार सप्ताह के भीतर ऐसी सभी पोस्ट को डिलीट करने का आदेश भी दिया. इस मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी.

शुरू हुई कार्रवाई 
यूट्यूब ने कहा है कि उसे जितने यूआरएल मिले हैं, उन्हें डिस्एबल कर दिया गया है, हालांकि फेसबुक और ट्विटर ने ऐसी सामग्री हटाने की पुष्टि नहीं की है. पेप्सिको ने ऐसी पोस्ट का पूरा विवरण लिंक के साथ अदालत में जमा किया है. इसमें फेसबुक के 3412 लिंक और 20,244 पोस्ट हैं. इसके अलावा ट्विटर के 562 लिंक, यूट्यूब के 242 लिंक और इंस्टाग्राम के 6 लिंक शामिल हैं.

Trending news