पेट्रोलियम मंत्री का खुलासा, क्यों बढ़ रहे हैं पेट्रोल-डीजल के दाम? जल्द मिलेगा बड़ा फायदा
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पेट्रोलियम मंत्री का खुलासा, क्यों बढ़ रहे हैं पेट्रोल-डीजल के दाम? जल्द मिलेगा बड़ा फायदा

पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें और आम आदमी पर बढ़ते बोझ को लेकर अब सरकार सतर्क होती दिख रही है. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान में इस पर बड़ा बयान दिया है.

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि तेल की कीमतों पर असर इंटरनेशनल मार्केट से आता है.

नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें और आम आदमी पर बढ़ते बोझ को लेकर अब सरकार सतर्क होती दिख रही है. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान में इस पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने साफ किया है कि पेट्रोल-डीजल के दाम क्यों बढ़ रहे हैं. इसके पीछे का कारण क्या है और कैसे जल्द ही आम आदमी को राहत देने के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम हो जाएंगी. हालांकि, अभी तक यह सिर्फ प्लानिंग का हिस्सा है जरूरी नहीं है कि ऐसा हो सके. लेकिन, उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही बड़ी राहत मिल सकती है.

  1. पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें पेट्रोलियम मंत्री का बयान
  2. इंटरनेशनल मार्केट के चलते बढ़ते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम
  3. पेट्रोलियम मंत्रालय की पेट्रोल-डीजल को GST में लाने की सिफारिश

क्यों बढ़ रहे हैं पेट्रोल-डीजल के दाम?
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि तेल की कीमतों पर असर इंटरनेशनल मार्केट से आता है. जैसे-जैसे इंटरनेशनल मार्केट में दाम बढ़ते हैं तो भारत में भी इसका असर होता है. इंटरनेशनल फैक्टर्स जिस तरह के होंगे घरेलू मार्केट भी उस पर भी निर्भर करेगा. ज्यादा लोगों तक एनर्जी पहुंचाना है तो मार्केट मकेनिज्म से चलना होगा. पेट्रोल-डीजल पर भी यह बात लागू होती है.

पेट्रोल-डीजल पर क्या है मंत्रालय का प्लान?
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम को लेकर हम संवेदनशील हैं. पेट्रोलियम मंत्रालय ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की वकालत की है. इस मुद्दे पर GST काउंसिल के सामने भी रखा गया है. हम चाहते हैं कि काउंसिल भी इस पर तुरन्त फैसला ले. 

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GST में आएगा पेट्रोल-डीजल?
पेट्रोलियम मंत्री के मुताबिक, पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की शुरुआती झिझक दूर हो गई है. उम्मीद है कि जल्द ही पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाया जाएगा. इससे आम आदमी को बड़ी राहत मिलेगी. दरअसल, राज्यों को विकास योजनाएं चलाने के लिए रेवेन्यू का यह बड़ा हिस्सा है. इसलिए अब तक राज्यों के बीच पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में लाने की सहमति नहीं बनी है.

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क्या है कीमतों का गणित?
इंडियन ऑयल की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, ऑयल कंपनियां एक लीटर पेट्रोल के लिए 26.65 रुपए का भुगतान करती हैं. डीलर को कंपनियां इसकी बिक्री 30.13 रुपए प्रति लीटर की दर पर करती हैं. इसके ऊपर डीलर 3.24 रुपए का अपना कमीशन लेता है. इस तरह इसकी कीमत 33.37 रुपए प्रति लीटर हुई. फिलहाल पेट्रोल की कीमत पर केंद्र सरकार की तरफ से 19.48 रुपए की एक्साइज ड्यूटी लग रही है. इस तरह पेट्रोल की कीमत 52.85 रुपए प्रति लीटर हो गई. अब इस दर पर दिल्ली में 26 फीसदी वैट लगाया जाता है, जो करीब 14 रुपए हुआ. इस तरह दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत करीब 67 रुपए हो जाती है. मौजूदा आंकड़ा इससे अलग हो सकता है.

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डीजल कितना सस्ता होगा?
एक लीटर डीजल के लिए तेल कंपनियां रिफाइनरीज को 23.86 रुपए का भुगतान करती हैं. इस एक लीटर डीजल की बिक्री डीलर को 27.63 रुपए में की जाती है. इसके ऊपर डीलर का कमीशन 1.65 रुपए होता है. डीजल पर फिलहाल एक्साइज ड्यूटी 15.33 रुपए है और दिल्ली में वैट 8.10 रुपए है. इस तरह एक लीटर डीजल की कीमत करीब 53 रुपए होती है. यदि इसको जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो इसका रेट करीब 41 रुपए प्रति लीटर तक हो जाएगा.

GST में आने से क्या होगा?
अब पेट्रोल-डीजल को अगर जीएसटी में लाया जाए तो इसके तहत अधिकतम दर 28 फीसदी है. अगर पेट्रोल-डीजल पर अधिकतम टैक्स भी लगाया जाता है तो आपको 33.37 (डीलर के कमीशन के बाद कीमत) पर 9.34 रुपए जीएसटी देना होगा. जीएसटी और पेट्रोल की कीमत मिलाकर दाम करीब 43 रुपए होंगे. इससे आम आदमी को बड़ी राहत मिल सकती है.

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