कर्मचारियों के लिए राहत! PF निकासी के नियम में बदलाव; अब मकान, इलाज और शिक्षा के लिए निकाल सकेंगे पूरा पैसा
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कर्मचारियों के लिए राहत! PF निकासी के नियम में बदलाव; अब मकान, इलाज और शिक्षा के लिए निकाल सकेंगे पूरा पैसा

प्रोविडेंट फंड (पीएफ) निकासी के प्रस्तावित नियमों में केंद्र सरकार ने संशोधन कर दिया है। केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने सोमवार को नए नियम में संशोधन की घोषणा करते हुए कहा कि कोई भी ईपीएफओ अंशधारक मकान, स्‍वास्‍थ्‍य (इलाज), बच्चों की पढ़ाई और शादी के लिए पीएफ खाते में जमा पूरी राशि निकाल सकता है। इस संबंध में प्रस्तावित नियम की घोषणा के बाद से ही पीएफ खाताधारक असमंजस में थे और अब इसमें ये संशोधन कर्मचारियों के लिए थोड़ी राहत है।

कर्मचारियों के लिए राहत! PF निकासी के नियम में बदलाव; अब मकान, इलाज और शिक्षा के लिए निकाल सकेंगे पूरा पैसा

नई दिल्‍ली : प्रोविडेंट फंड (पीएफ) निकासी के प्रस्तावित नियमों में केंद्र सरकार ने संशोधन कर दिया है। केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने सोमवार को नए नियम में संशोधन की घोषणा करते हुए कहा कि कोई भी ईपीएफओ अंशधारक मकान, स्‍वास्‍थ्‍य (इलाज), बच्चों की पढ़ाई और शादी के लिए पीएफ खाते में जमा पूरी राशि निकाल सकता है। इस संबंध में प्रस्तावित नियम की घोषणा के बाद से ही पीएफ खाताधारक असमंजस में थे और अब इसमें ये संशोधन कर्मचारियों के लिए थोड़ी राहत है।

मीडिया में सामने आई कुछ रिपोर्टों के अनुसार, इस संशोधन के बाद अब घर बनाने, खुद का या परिवार के किसी सदस्य का इलाज कराने या बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए पीएफ की राशि बिना किसी बाधा के निकाली जा सकेगी। संशोधित नियमों के अनुसार, मेडिकल, डेंटल और इंजीनियरिंग में शिक्षा के लिए किसी भी वक्त निकासी हो सकेगी। साथ ही अपने बच्चों की शादी के लिए भी कर्मचारी पीएफ से पैसा निकाल पाएगा।

 

इससे पहले, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने एक मई, 2016 से प्रोविडेंट फंड (पीएफ) निकासी के नियम में बदलाव करने का निर्णय किया था। जिसके तहत पीएफ अकाउंट होल्‍डर अपने भविष्‍य निधि का पूरा पैसा नहीं निकाल सकते हैं। ईपीएफओ के इस नए नियम से कर्मचारियों के मन में भय पैदा हो गया था। इसी कारण प्रतिदिन हजारों कर्मचारी देश के विभिन्‍न ईपीएफओ के कार्यालय में फार्म जमा कराने पहुंचने लगे। वहीं, पीएफ निकासी के नए नियमों के खिलाफ बेंगलुरु और अन्‍य शहरों में बीते दिनों बबाल हुआ। केंद्र सरकार के पीएफ निकासी के नए नियमों के खिलाफ हजारों कर्मचारी सड़कों पर उतर गए और जोरदार हंगामा किया।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने फरवरी में पीएफ निकासी के नियमों को कड़ा कर दिया था। नए नियमों के अनुसार 30 अप्रैल के बाद कर्मचारी अपने पीएफ अकाउंट से सिर्फ अपना योगदान ही निकाल सकेंगे। पीएफ का पूरा पैसा निकलाने के लिए कर्मचारियों को अब 58 साल की उम्र तक इंतजार करना पड़ेगा। सदस्य नियोजक की ओर से जमा की गई राशि और उस पर मिलने वाले ब्याज की निकासी नहीं कर सकेगा। ईपीएफओ का कोई भी सदस्य अब 58 साल की आयु पूरी होने पर ही पीएफ से पूरी राशि निकालने का हकदार होगा। अब संशोधित नियम पहली मई से लागू होंगे।

बता दें कि फरवरी में ईपीएफओ ने अधिसूचना जारी कर प्रोविडेंट फंड से पैसे निकासी के नियमों में बदलाव कर दिए थे। नए नियम के मुताबिक ईपीएफओ अंशधारक के नौकरी छोड़ने के बाद सौ फीसदी रकम निकालने पर पाबंदी लगा दी गई थी। फिलहाल अब कोई भी व्‍यक्ति 30 अप्रैल तक भविष्य निधि से पूरी रकम निकालने की अर्जी दे सकता है, अगर वो दो महीने से नौकरी ना कर रहा हो। ईपीएफओ के मुताबिक नए नियम को लागू करने में व्यवहारिक दिक्कतों की वजह से इसे एक महीने तक टाला गया। एक मई से पीएफ निकासी की रकम की सीमा तय करने की बात थी और कोई भी खाताधारक 58 साल की उम्र के बाद ही खाते में जमा अपनी पूरी राशि निकाल सकता है।

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