पीएनबी में 4,886.72 करोड़ रुपए के घोटाले में गीतांजलि समूह की तीन कंपनियों का नाम भी सीबीआई द्वारा दाखिल दूसरी एफआईआर में दर्ज है.
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नई दिल्ली/हैदराबाद: आयकर विभाग (आईटी) के अधिकारियों ने गुरुवार (22 फरवरी) को कहा कि उन्होंने मेहुल चोकसी के स्वामित्व वाले गीतांजलि समूह की हैदराबाद में 1,200 करोड़ रुपए की संपत्तियां कुर्क की हैं. आईटी अधिकारियों के मुताबिक एजेंसी ने गीतांजलि समूह की तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में सेज (विशेष आर्थिक क्षेत्र) स्थित संपत्ति कुर्क की है. आईटी विभाग के अधिकारियों ने बताया, "निर्धारिती (गीतांजलि समूह) के खुद के मूल्यांकन के हिसाब से इसकी कीमत 1,200 करोड़ रुपए है."
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बुधवार (21 फरवरी) को विभाग ने कहा था कि उसने नीरव मोदी की कंपनियों के 141 बैंक खाते और फिक्सड डिपॉजिट सीज किए हैं, जिसका कुल मूल्य 145.74 करोड़ रुपये है. पंजाब नेशनल बैंक द्वारा 29 जनवरी और 14 फरवरी को एफआईआर दर्ज कराए जाने से पूर्व लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग और फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट का प्रयोग कर कई सालों से बैंक में घोटाला किया जा रहा था. लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग और फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट का प्रयोग कर पीएनबी में किए गए 11,300 करोड़ रुपए के घोटाले में नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी के साथ ही गीतांजलि समूह के निदेशकों की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच की जा रही है.
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मोदी और चोकसी दोनों ही जनवरी की शुरुआत में ही अपने परिवार के साथ देश से फरार हो गए हैं. एफआईआर में अवैध लेनदेन में शामिल बैंक के दो पूर्व कर्मचारियों का भी नाम है. पीएनबी में 4,886.72 करोड़ रुपए के घोटाले में गीतांजलि समूह की तीन कंपनियों का नाम भी सीबीआई द्वारा दाखिल दूसरी एफआईआर में दर्ज है.
आईसीएआई ने पीएनबी, गीतांजलि को कारण बताओ नोटिस जारी किए
वहीं दूसरी ओर चार्टर्ड एकाउंटेंटों की शीर्ष इकाई आईसीएआई ने गुरुवार को कहा कि उसने 11,400 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े के मामले में पंजाब नेशनल बैंक और गीतांजलि जेम्स के ऑडिटरों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं. इसने यह भी कहा कि इन लोगों के अतिरिक्त संस्थान ने बैंक के उप महाप्रबंधक को तलब किया है और फर्जीवाड़े का ब्यौरा मांगा है. आईसीएआई ने भारतीय रिजर्व बैंक को पत्र लिखकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के उन कॉर्पोरेट कर्जदारों की सूची उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया है जिन पर दो हजार करोड़ रुपए या इससे अधिक का बकाया ऋण है.
(इनपुट एजेंसी से भी)