चाहे जितनी वेटिंग हो, इस जुगाड़ से कंफर्म कराते थे रेल टिकट, यूं चलता था पूरा रैकेट
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चाहे जितनी वेटिंग हो, इस जुगाड़ से कंफर्म कराते थे रेल टिकट, यूं चलता था पूरा रैकेट

मुंबई के एक जीआरपी अधिकारी ने बताया कि आरोपी देवप्रताप सिंह वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को ये फर्जी पत्र बेचता था और उनसे 1200-2400 रुपये प्रति पत्र वसूलता था.

रेल मंत्रालय की लाख कोशिशों के बाद भी रेल टिकट बुकिंग में फर्जीवाड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है.

मुंबई: रेल टिकटों की बुकिंग में फर्जीवाड़ा रोकने लिए मंत्रालय अलग-अलग कोशिशें कर रहा है, लेकिन यह थमने का नाम नहीं ले रहा है. रेलवे ऑनलाइन टिकट बुकिंग में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए कोई नया नियम लेकर आती है तो इस धंधे में जुटे लोग कोई नया जुगाड़ ढूंढ लेते हैं. इस बार एक ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है जो वेटिंग रेल टिकटों को बड़ी आसानी से कंफर्म करा देता था. इस रैकेट से जुड़े एक युवक को मुंबई से गिरफ्तार किया गया है. मूल रूप से लखनऊ के निवासी 29 वर्षीय एक व्यक्ति को कथित रूप से नेताओं और नौकरशाहों के फर्जी लेटरहेड बनाने तथा वीआईपी कोटा के तहत धनी यात्रियों को टिकट बुक कराने के लिए ‘ सिफारिश ’ के तौर पर उन्हें भेजने को लेकर गिरफ्तार किया गया. 

मुंबई के एक जीआरपी अधिकारी ने बताया कि आरोपी देवप्रताप सिंह वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को ये फर्जी पत्र बेचता था और उनसे 1200-2400 रुपये प्रति पत्र वसूलता था. 

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अधिकारी ने कहा, ‘अबतक की जांच के दौरान सामने आया है कि उसने महाराष्ट्र के एससीएस (गृह), उत्तरप्रदेश के मुख्य सचिव और बिहार के लोकायुक्त समेत विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ नौकरशाहों , सांसदों और विधायकों के फर्जी लेटरहेड तैयार किए.’ 

डीसीपी (जीआरपी) समधन पवार ने कहा, ‘सिंह प्रति पत्र करीब 1200-2400 रुपये लेता था. वह पिछले दो सालों से ऐसा कर रहा है.’ स्थानीय अदालत ने उसे पुलिस हिरासत में भेज दिया.

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मालूम हो कि पिछले साल उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक ऐसे रैकेट का खुलासा हुआ था, जिसने एक ऐसी तरकीब ढूंढ ली थी, जिसके जरिए रेल टिकट बुंकिंग के सर्वर का समय बदलकर समय से पहले ही तत्काल टिकट बुक कर लिया जाता था. इसके अलावा रेल टिकट बुकिंग के धंधे में जुटे लोग व्यस्त रूटों के टिकट A कुमार, B कुमार, C कुमार आदि नामों से पहले ही बुक कर लेते हैं. बाद में इसे ऊंची कीमतों पर बेचते हैं.

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