नोटबंदी की वजह से दिसंबर तिमाही में रीयल्टी क्षेत्र को लेकर उत्साह तीन साल के निचले स्तर पर
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नोटबंदी की वजह से दिसंबर तिमाही में रीयल्टी क्षेत्र को लेकर उत्साह तीन साल के निचले स्तर पर

नोटबंदी की वजह से अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में रीयल्टी क्षेत्र में कारोबार की धारणा तीन साल के निचले स्तर पर पहुंच गई। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि डेवलपर्स तथा वित्तीय संस्थानों में निराशा की वजह से इस क्षेत्र की धारणा प्रभावित हुई है।

नोटबंदी की वजह से दिसंबर तिमाही में रीयल्टी क्षेत्र को लेकर उत्साह तीन साल के निचले स्तर पर

नयी दिल्ली: नोटबंदी की वजह से अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में रीयल्टी क्षेत्र में कारोबार की धारणा तीन साल के निचले स्तर पर पहुंच गई। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि डेवलपर्स तथा वित्तीय संस्थानों में निराशा की वजह से इस क्षेत्र की धारणा प्रभावित हुई है।

संपत्ति क्षेत्र की सलाहकार नाइट फ्रैंक इंडिया तथा उद्योग मंडल फिक्की की संयुक्त रिपोर्ट में हालांकि कहा गया है कि डेवलपर्स, बैंकों और निजी इक्विटी निवेशकों का मानना है कि अगले छह महीने में बाजार की स्थिति सुधरेगी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि उंचे मूल्य के 1,000 और 500 के नोट बंद करने की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर हुआ है। इसका सबसे अधिक असर रीयल एस्टेट क्षेत्र पर देखने को मिला है।

नोटबंदी की वजह से देश के शीर्ष आठ शहरों में 2016 की चौथी तिमाही में घरों की बिक्री में 40 प्रतिशत की गिरावट आई है।

 

 

 

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